नई दिल्ली. क्षेत्रीय दलों समेत भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने नागालैंड में होने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार की घोषणा की है. सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में ‘समाधान नहीं तो चुनाव नहीं’ पर सभी दलों ने सहमति जताई और 27 फरवरी को होने वाले नागालैंड विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया.
इन दलों की मांग है कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नगा समस्या का समाधान किया जाए. इससे पहले नागालैंड में सत्तारूढ़ एनपीएफ सहित प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस बात का समर्थन किया था कि शीर्ष आदिवासी संगठन नगा होहो की मांग मानी जाए.
सोमवार को हुई बैठक में समझौते पर कुल 11 दलों ने दस्तखत किए. जिसमे सत्तारूढ़ एनपीएफ भी शामिल है. वहीं बीजेपी के प्रतिनिधि ने भी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार वाले प्रस्ताव पर दस्तखत किए हैं. सभी दलों ने अपील की है कि कोई भी उम्मीदवार नामांकन न भरे. इसके अलावा पार्टियां किसी भी उम्मीदवार को टिकट नहीं देंगी.
पहले बीजेपी ने कहा था होगा मतदान
दीमापुर में 22 जनवरी को बीजेपी नागालैंड प्रभारी ने कहा था कि नई सरकार नगा मसले का समाधान लेकर आएगी. लेकिन उसके लिए चुनाव होना जरूरी है.
इससे पहले भी हुआ था बहिष्कार
वर्ष 1998 में भी आदिवासी संगठन नगा होहो ने चुनाव बहिष्कार करने की अपील की थी, लेकिन आखिरी समय पर कांग्रेस ने नामांकन दायर कर दिया था. इस चुनाव में कांग्रेस को 60 में से 59 सीटें मिली थी.