रायपुर. पूरे देशभर में शिवरात्री मनाई जा रही है. यह भगवान शिव के पूजन का सबसे बड़ा पर्व है. ऐसे तो भगवान शिव के हर मंदिर की अपनी महत्ता है लेकिन छत्तीसगढ़ की राजधानी के बूढ़ापारा में महादेव का ऐसा मंदिर है जहां महादेव की आरती रामेश्वरमसे आए भस्म से होती है. यह मंदिर है बूढ़ेश्वर का.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
बूढ़ेश्वर मंदिर में दो हजार किलोमीटर दूर से आने वाले भस्म से हर सोमवार को महादेव की आरती की जाती है. इस प्राचीन मंदिर की भी आनेक मान्यताएं है.
इस मंदिर 400 साल पुराना है और यहां के लोग बताते है कि 400 साल पहले इस मंदिर की पूजा-अर्चना आदिवासी किया करते थे. उसके बाद की बात करें तो रायपुर का पुष्टिकर समाज इस मंदिर की देखरेख कर रहा है.
मंदिर परिसर में भगवान शिव के अलावा कई अन्य देवी- देवताओं की मूर्ति स्थापित है. इसमें हनुमान जी, गायत्री माता, नरसिंह भगवान, राधाकृष्ण का मंदिर भी है और मंदिर परिसर में काल भैरव और माता संतोषी के भी मंदिर हैं.
भगवान शिव के अभिषेक कई नदियों के संगम से किया जाता है. इसमें रायपुर की जीवनदायिनी कही जाने वाली खारुन नदी, राजिम के त्रिवेणी संगम सहित गंगा और नर्मदा के पवित्र जल शामिल है. इन सभी नदियों के जल से अभिषेक किया जाता है.