नई दिल्ली/शिमला. साल 2016 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के (PMKSY) तहत हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा भेजी गई कार्य योजना को केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा मंजूर कर दिया है.
222 करोड़ 55 लाख मंजूर
हिमाचल सरकार ने राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति (SLSC) की मंजूरी के लिए मई के दूसरे सप्ताह में ही 222 करोड़ 55 लाख रुपए का प्लान केंद्र को भेजा था. भारत सरकार ने बिना किसी आपत्ति के इस कार्य योजना को मंजूरी दे दी है. मंजूरी मिलने के बाद अब वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान केंद्र से राज्य के ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, बागवानी और जल शक्ति महकमे को विभिन्न सिंचाई योजनाओं के निर्माण के लिए बजट 222 करोड़ 55 लाख का बजट मिलेगा. इससे प्रदेश में आधा दर्जन से अधिक सिंचाई योजनाओं का निर्माण भी किया जाएगा.
जल शक्ति विभाग को सबसे ज्यादा बजट
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के जल जल शक्ति विभाग को सबसे ज्यादा 152.08 करोड़ रुपए का बजट देने की हामी भरी है. इसके अलावा कृषि व बागवानी विभाग का 32.67 करोड़ और ग्रामीण विकास विभाग का 37.80 करोड़ का बजट मंजूर किया है. यह बजट दो से तीन किश्तों में मिलेगा. पहली किश्त खर्च होने पर दूसरी किश्त जारी की जाएगी. योजना के तहच हिमाचल को 90:10 के अनुपात में बजट देने का प्रावधान है.
हिमाचल की 20 फीसदी जमीन की ही होती है सिंचाई
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का मकसद किसानों की जमीन को सिंचाई योग्य बनाना है. इस समय हिमाचल में सिंचाई योजनाओं के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद किसानों की विभिन्न नकदी फसलों के अधीन 20 फीसदी जमीन को ही सिंचाई योग्य बनाया जा सका है. शेष जमीन पर किसान अभी भी आसमान की ओर देखकर खेती करता है. ऐसे किसानों की फसल पूरी तरह बारिश के पानी पर निर्भर रहती है. ऐसे में इन 222 करोड़ रुपये से राज्य के कुछ हिस्सों में जरूर पानी की समस्या का निदान होगा.