नई दिल्ली. आइएएस पुत्री वर्णिका के पीछा किए जाने के मामले में आलोचना झेल रही भाजपा ने अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि वे आरोपी के पिता व हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष बारला का इस्तीफा नहीं ले रही है. शुक्रवार को सुभाष बारला के बेटे ने अपने साथी आशीष कुमार के साथ एक युवती का पीछा किया था.
जानें पूरा मामला, भाजपा अध्यक्ष के बेटे पर छेड़छाड़ का आरोप, जमानत पर रिहा
भाजपा के हरियाणा महासचिव अनिल जैन ने भाजपा अध्यक्ष सुभाष बारला के इस्तीफा के संभावनाओं से इंकार किया है. हरियाणा महासचिव ने कहा “उन्होनें अब तक इस्तीफा नहीं दिया है और न ही वे इस्तीफा देंंगे.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए बयान में अनिल जैन ने इस्तीफा देने के सवाल पूछे जाने पर कहा “वे क्यों देंगे? यह मामला तो हरियाणा में हुआ भी नहीं है. यह चंडीगढ़ में हुआ है. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है, कानून अपना काम करेगा.”
विपक्षी पार्टियों के साथ ही भाजपा के भीतर भी सुभाष बारला के खिलाफ आवाज उठने लगी है. मालूम हो कि पुलिस ने दोनों आरोपी विकास बारला(23) और आशीष कुमार(27) को गिरफ्तार करने के बाद थाने से ही बेल दे दी थी. भाजपा के ही राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए पीआइएल करने की बात कही है. पूरी खबर पढें, सुब्रमण्यम स्वामी डालेंगे PIL . वहीं, सांसद राजकुमार सैनी ने पार्टी की छवि बचाने के लिए बराला से इस्तीफा मांगा है.
इधर, भाजपा के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर ने घटना की निंदा की है. उन्होने अपने ट्वीट करते हुए कहा है कि सवाल रात को घूमने वाले पर नहींं बल्कि हिंसा रखने वाले मानसिकता की होनी चाहिए.
I strongly condemn the eve teasing & stalking incident that has taken place. Men must learn to respect women & thr individual space. 1/2
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 7, 2017
Instead of questioning the girl why she ws out at 12.30am,we must question those individuals & thr mindset tht leads to such harassment. 2/2
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 7, 2017
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर घटना के दिन के बाद से ही सुभाष बारला का बचाव करते नजर आ रहे हैं.
उन्होने रविवार को इस मामले में कहा था कि ‘बारला ने इस घटना में कुछ भी नही’ किया है. यह व्यक्तिविशेष से जुड़ा हुआ मामला है. दोषी पाये जाने पर आरोपी पर कार्यवाई की जाएगी.
उन्होने हिसार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा “यह मेरा अाधिकारिक बयान है. शनिवार को भी मैं यही मान रहा था, आज भी मैं इसी पर कायम हूं, अब इस मुद्दे पर कोई सवाल नहीं, कोई जवाब नहींं.”
वहीं, विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर अपना हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने चंडीगढ़ पुलिस पर मामले की लीपापोती करने का आरोप लगाया है. उन्होने कहा है कि चंडीगढ़ पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन आता है, जिसने केस को कमजोर किया और विकास बारला पर जमानत योग्य धाराएं लगाई है.
सुरजेवाला ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को जवाब देना चाहिए कि बीजेपी नेता के पुत्र को क्यों बचाया जा रहा है.
उन्होने कहा “उसने महिला को सात किलोमीटर तक पीछा किया और कार को रोकने की कोशिश की. यहां तक कि उन लोगोंं ने अंदर घुसने का भी प्रयास किया. क्या इससे अपहरण का केस नहीं बनता है? क्या यह किसी महिला के साथ छेड़छाड़ नहींं है?.” तो फिर इन सभी का मामला क्यों नहीं लगाया गया है?”
वहींं, चंडीगढ के डीएसपी सतीश कुमार ने कहा कि सतीश बारला और उसके दोस्त पर महिला को पीछा करने(354डी) की धारा लगाई गयी थी, बाद में आईपीसी की धारा 341 भी एफआरआई में जोड़ी गई.