नई दिल्ली. भारतीय चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कहा कि चीन भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और यह चुनौती आने वाले समय में भी बनी रहेगी। उन्होंने यह बात देश की सीमाओं और सुरक्षा पर चर्चा करते हुए कही।
जनरल चौहान ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद भारत के लिए सबसे गंभीर सुरक्षा मुद्दा है। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के प्रॉक्सी वॉर को भारत के सामने दूसरी बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की रणनीति ‘भारत को हज़ार छोटे घावों से कमजोर करना’ है।”
सीडीएस ने यह भी बताया कि किसी देश के सामने आने वाली चुनौतियाँ केवल क्षणिक नहीं होतीं, बल्कि विभिन्न रूपों में लंबे समय तक बनी रहती हैं। उन्होंने क्षेत्रीय अस्थिरता का भी जिक्र किया और कहा कि भारत के सभी पड़ोसी देश सामाजिक, राजनीतिक या आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने आधुनिक युद्ध की नई चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब युद्ध के क्षेत्र में साइबर और स्पेस डोमेन भी शामिल हो गए हैं।
जनरल चौहान ने यह भी बताया कि चीन और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं, इसलिए यह हमेशा चुनौती बनी रहेगी कि उनके खिलाफ किस प्रकार के ऑपरेशन किए जाएँ।
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना को पूर्ण स्वतंत्रता
सीडीएस ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों को योजना बनाने और लक्ष्यों का चयन करने में पूर्ण ऑपरेशनल स्वतंत्रता थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकवादी हमले का बदला लेना नहीं था, बल्कि राष्ट्र की सहनशीलता की लाल रेखा खींचना था।
उन्होंने कहा, “यह एक मल्टी-डोमेन ऑपरेशन था, जिसमें साइबर युद्ध भी शामिल था। विभिन्न सैन्य अंगों के बीच समन्वय और संयुक्त तैनाती इस अभियान की मुख्य विशेषता थी।”
ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद किया गया था, जिसमें अधिकांश पर्यटक शामिल 26 लोगों की जान गई थी।
गोरखनाथ मंदिर दौरा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा
सीडीएस जनरल चौहान ने दिन की शुरुआत गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर के दौरे से की, जहाँ उन्होंने महंत दिग्विजयनाथ महाराज और महंत अवेद्यनाथ महाराज की पुण्यतिथि पर आयोजित वार्षिक व्याख्यानमाला में भाग लिया। उन्होंने वहां “भारत के सामने राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियाँ” पर एक सत्र को भी संबोधित किया, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित थे।