नई दिल्ली. हिमाचल की एक ऐसी बहू जिसने हिमाचल की राजनीति में अपनी पकड़ बनायी. लेकिन विवादोंं ने भी उनका पीछा नहीं छोड़ा. आशा कुमारी हिमाचल का जाना-माना चेहरा हैं. 1985 से शुरू राजनीतिक सफर में इन्होंने कभी हार का मुंह नहीं देखा. आशा कुमारी के राजनीतिक जीवन की कहानी जानते हैं इस रिपोर्ट में…
मध्य प्रदेश में जन्मीं, दिल्ली में पढ़ीं
मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव मर्देश्वर सरन सिंह देव की बेटी आशा कुमारी जो दिल्ली में जन्मी और भोपाल से पढ़ाई की और शादी हिमाचल के राज परिवार के बेटे आरके ब्रिजेंद्र सिंह से हुई. चंबा में अपने परिवार के साथ रह कर राजनीति में कदम रखा. 1985 में पहली बार बनीखेत निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार खड़ी हुईं और हिमाचल की बहू को जनता के प्यार ने विधानसभा में पहुंचा दिया. इसके बाद 1993, 1998, 2003 और 2012 में भी जीत का सिलसिला जारी रहा. इस बीच आशा कुमारी ने राज्यमंत्री का पदभार भी संभाला.
विवादों से भी रहा नाता
इनकी जीत का सिलसिला तब थमा जब 26 फरवरी को चंबा अदालत ने उन्हें सजा सुनाई. आशा कुमारी के ऊपर जमीन हड़पने का आरोप था जिसके बाद उन्हें निचली अदालत ने उन्हें एक साल की सजा सुनाई थी लेकिन एक दिन के बाद ही उन्हें जमानत मिल गयी थी, लेकिन उन्हें 2004-05 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
एक बार फिर आशा कुमारी चर्चा में आईं जब उन्हें पंजाब में अखिल भारतीय कांग्रेस प्रदेश का सचिव बनाया गया. यह मामला पंजाब के कांग्रेस प्रदेश सचिव कमलनाथ के पद छोड़ने से उठा था, जब 84 के दंगों में उनका नाम सामने आया और इसी वजह से उन्हें सचिव का पद छोड़ना पड़ गया था. जिसके बाद आशा कुमारी को सचिव बनाया गया. इस पर विपक्षियों के आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया था.
गांधी परिवार की करीबी
28 सितंबर 1955 में जन्मी आशा कालेज के समय से ही राजनीति में दिलचस्पी दिखाने लगी थी. कालेज के समय से ही कई-कई संगठनों का हिस्सा बनती गई और आखिरकार शादी के बाद उन्हें मौका मिल गया और कांग्रेस का हिस्सा बन गई. आशा कांग्रेस की खासमखास और काफी करीबी है.
डलहौजी से कांग्रेस प्रत्याशी
आशा कुमारी एक बार फिर डलहौजी से विधानसभा चुनाव में लड़ रही है. आशा कुमारी लगातार 9 नवंबर को हो रहे चुनाव के लिये प्रचार-प्रसार में लगी हैं. इनके प्रचार का एक बड़ा माध्यम सोशल मीडिया बन रहा है जहां वो अपने फेसबुक पेज से लाइव, जनसभा की तस्वीरें शेयर करती दिखती हैं.