शिमला. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नए साल के पहले ही दिन अनाथ बच्चों और एकल नारी के लिए एक बड़ी योजना का तोहफा दिया है. सीएम सुक्खू ने कहा की अनाथ बच्चों की माता-पिता बनेगी सरकार. CM सुक्खू ने पहली जनवरी 2023 से एक सुख आश्रय सहायता कोष शुरू करने का एलान किया है. 101 करोड़ से शुरू किया गया यह सुख आश्रय सहायता कोष उन बच्चों के लिए होगा जिनके माता-पिता नहीं है. इस सहायता कोष से इन बच्चों के पढ़ने से लेकर जेब खर्चे और यहाँ तक कि उनके घूमने का प्रबंध किया जाएगा.
यही नहीं इस सुख आश्रय सहायता कोष से उन नारियों को भी हर सुविधा दी जाएगी. जो छोटी उम्र में विधवा हो जाती हैं. इन एकल नारियों को पढ़ने से लेकर उनकी शादी तक का सारा खर्चा इस सुख आश्रय सहायता कोष के माध्यम से किया जाएगा.
कांग्रेस विधायक अपने वेतन से देंगे एक- एक लाख
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस कोष को 101 करोड़ से शुरू किया गया है. हालांकि 101 करोड़ जुटाना कठिन था, लेकिन हमने सभी कांग्रेस विधायकों से इस बारे में बात की. कांग्रेस विधायक ने भी अपनी पहली तनख्वाह से एक लाख रूपए इस कोष में दान करने का एलान किया. सुक्खू ने बीजेपी विधायकों से भी इसके लिए अनुरोध किया है. इसके अलावा सरकार ने अपने स्तर पर भी इस कोष में धन जुटा कर 101 करोड़ से इसकी शुरुआत की है.
फेस्टिवल पर 500 रूपए की प्रोत्साहन राशि
सुखविंदर सुक्खू ने कहा की 500 -500 रूपए की प्रोत्साहन ग्रांट बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों को प्रदान करेगी. इसकी शुरुआत 13 जनवरी को लोहड़ी से की जाएगी. यह जानकारी सीएम ने रविवार को नए वर्ष के पहले दिन होटल होलीडे होम में पत्रकार वार्ता में दी.
21 दिन बाद सरकार ने सुखाश्रय कोष बनाने का निर्णय किया है. सबका यह मत था कि ऐसी योजना लाई जाए, जो सब बंधनों से दूर हो. उन्होंने कहा कि पूरे हिमाचल में अनाथाश्रमों में करीब छह हजार लोग होंगे. 12वीं कक्षा की पढ़ाई तक तो अनाथाश्रम बच्चों को आश्रय देते हैं. उसके बाद की पढ़ाई का खर्च इसी कोष से होगा.
सीएम बोले, यह करुणा नहीं अधिकार है
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सुखाश्रय कोष बनाना करुणा नहीं, बल्कि ऐसे लोगों और बच्चों का अधिकार है. एकल नारियों पर भी इस कोष से खर्च होगा. ये बच्चे किसी की दया भावना पर नहीं टिकेंगे. सामाजिक कल्याण विभाग इसकी नोडल एजेंसी है. मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज आदि में भी इसे खर्च किया जाएगा.