नई दिल्ली. Supreme Court ने मंगलवार को Bihar Assembly Election 2025 से पहले Election Commission द्वारा शुरू किए गए Voter List Special Intensive Revision (SIR) पर interim रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि अदालत ने यह स्पष्ट किया कि वह इस मामले की merit पर सुनवाई जारी रखेगी और इसकी अगली तारीख 10 जुलाई तय की गई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने Supreme Court से अपील की कि इस मामले की जल्द hearing की जाए क्योंकि यह प्रक्रिया बिहार चुनाव 2025 से ठीक पहले शुरू की गई है और इससे मतदाता सूची में manipulation की आशंका है। सिब्बल ने दलील दी कि इससे free and fair election process प्रभावित हो सकती है।
10 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
वहीं पूर्व विधायक मुजाहिद आलम (Mujahid Alam) ने Election Commission के इस निर्णय को सीधे चुनौती दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि बिहार में voter list update का यह sudden and large-scale कदम मतदाताओं के अधिकारों को नुकसान पहुंचा सकता है और transparency in electoral process पर सवाल खड़े कर सकता है।
Election Commission of India (ECI) ने देशभर में एक साथ Voter List Revision का निर्देश दिया है, लेकिन बिहार में इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है और इसे लेकर कानूनी प्रक्रिया तेज हो गई है।
अब देखना होगा कि Supreme Court 10 जुलाई की सुनवाई में Election Commission की प्रक्रिया को valid ठहराता है या इसमें कोई रोक लगाने का आदेश देता है।