नई दिल्ली. भारत के नए उपराष्ट्रपति CP Radhakrishnan ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों पद की शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह Rashtrapati Bhavan में आयोजित किया गया, जहां राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला। लाल कुर्ते में शपथ लेते समय उन्होंने ईश्वर के नाम पर अंग्रेज़ी में शपथ ली।
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar), कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेता और कई अन्य शीर्ष राजनीतिक हस्तियाँ शामिल हुईं। यह समारोह जगदीप धनखड़ की उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति रही।
चुनाव में बड़ी जीत
9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए (NDA) उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्ष के उम्मीदवार और पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बी. सुंदरशन रेड्डी को हराते हुए 452 वोट प्राप्त किए, जबकि रेड्डी को 300 वोट मिले। यह चुनाव तब कराना पड़ा जब पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा दे दिया था।
कौन हैं CP Radhakrishnan?
CP Radhakrishnan का जन्म 4 मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ। वे 1973 में महज 16 वर्ष की उम्र में Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) से जुड़ गए थे। RSS से जुड़ाव ने उनके राजनीतिक सफर की नींव रखी, जिसके बाद वे Janata Party और फिर BJP से जुड़े। पार्टी के विचारधारा से उनका गहरा संबंध रहा है।
राजनीतिक सफर
1998 में राधाकृष्णन ने Coimbatore Lok Sabha constituency से भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। 1999 में भी उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की। 1998 में उन्हें 1.5 लाख से अधिक और 1999 में लगभग 55,000 वोटों से जीत मिली। यह सफलता Coimbatore bomb blasts के बाद भाजपा की लोकप्रियता बढ़ने से मिली।
वे 2004 से 2007 तक BJP Tamil Nadu President रहे। इस दौरान उन्होंने 93 दिन की Rath Yatra निकाली, जिसमें भारतीय नदियों को जोड़ने, छुआछूत समाप्त करने और आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने जैसे मुद्दों को उठाया। साथ ही, 2004 में जब DMK ने भाजपा से रिश्ते तोड़े तो उन्होंने NDA alliances को फिर से मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।