शिमला. हिमाचल में एक लाख से ज्यादा एनपीएस कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते का एरियर कैश में ही मिलेगा. कुछ विभागों ने अपने कर्मचारियों को इस महीने वेतन के साथ भुगतान कर दिया है और अधिकांश में यह अगले महीने हो जाएगा.
जीपीएफ खाते न होने की वजह से ऐसा करना पड़ा है. महंगाई भत्ते की एरियर के भुगतान के कारण ही कोषागार को विभागों के आहरण एवं वितरण अधिकारियों के लिए इंटीग्रेटेड फायनांस मैनेजमेंट सिस्टम यानी हिमकोष में एनपीएस और ओपीएस का ऑप्शन भी देना पड़ा है. यह एरियर की कैलकुलेशन के लिए था. हालांकि ओल्ड पेंशन ऑप्शन को लेकर अभी राज्य सरकार ने पेंशन रूल जारी करने हैं, जो नोटिफिकेशन के बाद ही लागू हो पाएंगे. लेकिन ट्रेजरी को हिमकोष में यह बदलाव सिर्फ महंगाई भत्ते के एरियर के कारण करना पड़ा है.
NPS कर्मियों को कैश में डीए एरियर
ऑल इंडिया सर्विस और डिविजनल अकाउंट्स अधिकारियों को हिमाचल सरकार के ओपीएस लागू करने के फैसले के बावजूद एनपीएस ही मिलना है, इसलिए इनका कैलकुलेशन हिमकोष पोर्टल पर दिए गए विकल्पों के हिसाब से हुआ. दूसरी तरफ कोषागार को एनपीएस कर्मचारियों को भी महंगाई भत्ते के एरियर का भुगतान कैश में करने के निर्देश दिए गए हैं.
इससे पहले महंगाई भत्ता जारी करने के कार्यालय आदेश के प्वाइंट नंबर 4 में एनपीएस कर्मचारियों को जीपीएफ अकाउंट खोलने के बाद यह भुगतान जीपीएस में होना था. ट्रेजरी का कहना है कि वर्तमान में जीपीएफ अकाउंट है नहीं और इस पैसे को कहीं और रखा नहीं जा सकता, इसलिए इसका भुगतान करने के निर्देश दे दिए हैं. अतिरिक्त निदेशक कोषागार दीपक भारद्वाज ने बताया कि जब तक जीपीएफ अकाउंट नहीं खुल जाते, नेशनल पेंशन स्कीम के तहत आने वाले कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का एरियर कैश में ही भुगतान होगा.
इसलिए बन रहे नए जीपीएफ रूल्स
राज्य सरकार ओल्ड पेंशन को लागू करने के लिए पेंशन रूल्स और जीपीएफ रूल्स अलग से नोटिफाई कर रही है. पुराने जीपीएफ नियमों की एप्लीकेबिलिटी को 2003 में एनपीएस लागू होने के बाद रोक दिया गया था, इसलिए इन नियमों को संशोधित किया जा रहा है. इसी तरह नए पेंशन रूल्स में भी संशोधन हो रहा है. हालांकि इसमें 10 साल की न्यूनतम सेवा अवधि को नहीं बदला जा रहा है. कर्मचारियों को एनपीएस या ओपीएस में कोई एक व्यवस्था चुनने का विकल्प दिया जा सकता है. हालांकि एनपीएस कंट्रीब्यूशन बंद करने के आदेश में यह विकल्प नहीं रखा गया था.