नई दिल्ली. नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में रविवार को जबरदस्त भीड़ उमड़ी. प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन से टिकट काउंटर तक पुस्तक प्रेमियों का तांता देखने को मिला. 2018 में पुस्तक मेला कई मायनों में ‘विस्तृत’ और ‘बेहतर’ है. इस बार ‘यूरोपियन यूनियन’ पुस्तक मेले का ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ बना है. भारतीय प्रकाशकों के साथ-साथ यूरोप और पड़ोसी देशों के प्रकाशकों ने भी पुस्तक मेले में अपने स्टॉल्स लगाये हैं. मेला 14 जनवरी तक सुबह 11 से आठ बजे के बीच खुला रहेगा.
बच्चों की सुविधा के लिये ‘बाल मंडप’ खण्ड बनाये गये हैं. यहां बच्चों के लिये पुस्तक छापने वाले प्रकाशकों के स्टॉल लगाये गये हैं. साथ ही प्रतिदिन शाम को ‘संस्कृति उत्सव’ के तहत गीत एवं नाटक प्रभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.
इस बार पुस्तक मेले का थीम ‘वनस्पतय: शांति:’ है. पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये सौर उर्जा, पवन उर्जा और ईंधन संरक्षण संबंधित प्रदर्शनी भी लगाई गई हैं. इसके साथ ही उर्जा संरक्षण को लेकर नियमित कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
छह जनवरी को पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुये मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने वीडियो मैसेज में कहा कि किताबें अलग दुनिया से जुड़ी होती है, जो मानव जीवन को समृद्ध करती है. उन्होंने कहा, “किताबें उतनी ही जरूरी हैं जितना जीने के लिये खाना और आराम करने के लिये सोना.”
नई विश्व दिल्ली पुस्तक मेला साल 1972 से शुरूआत हुआ था. इस बार मेले में 400 से अधिक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. वहीं, करीब एक हजार प्रकाशक पुस्तक मेले में शामिल हो रहे हैं. मेले का आयोजन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने किया है.