नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार से लागू हुए Next-Generation GST Reforms की तारीफ करते हुए कहा कि ये सुधार न सिर्फ लोगों की बचत बढ़ाएंगे बल्कि समाज के हर वर्ग को सीधा लाभ देंगे। उन्होंने देशवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं भी दीं और कहा कि यह पर्व भारत में “GST बचत उत्सव” की शुरुआत लेकर आया है।
पीएम मोदी ने अपने पत्र में लिखा कि ये सुधार “विकास, निवेश और प्रगति की गति” को बढ़ाएंगे और देश के हर राज्य व क्षेत्र को मजबूत बनाएंगे। उन्होंने बताया कि अब केवल दो जीएसटी स्लैब रहेंगे – 5% और 18%।
जरूरी सामान जैसे खाद्य पदार्थ, दवाइयां, साबुन, टूथपेस्ट, बीमा और कई अन्य वस्तुएं अब या तो टैक्स-फ्री होंगी या 5% स्लैब में आएंगी। पहले 12% टैक्स वाले अधिकांश सामान अब 5% के स्लैब में आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह देखकर खुशी होती है जब दुकानदार “पहले और अब” (then and now) बोर्ड लगाकर जीएसटी सुधारों से पहले और बाद के टैक्स रेट दिखा रहे हैं।
25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार आने के बाद 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, जो अब Aspirational Neo-Middle Class का हिस्सा बन चुके हैं।
उन्होंने बताया कि आयकर में कटौती और नए जीएसटी सुधारों से देशवासियों को करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। इससे लोगों को अपने सपनों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
जीएसटी: देश की आर्थिक एकता
पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी ने देश को आर्थिक रूप से जोड़ा है, जिससे एकरूपता और राहत दोनों मिले हैं।
सुधारों ने व्यवस्था को आसान बनाया है, टैक्स दरें घटाई हैं और लोगों को अधिक बचत का अवसर दिया है।
उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों, व्यापारियों, दुकानदारों, उद्यमियों और MSMEs को अब Ease of Doing Business और Ease of Compliance दोनों का फायदा मिलेगा।
कम टैक्स, कम दाम और सरल नियमों से बिक्री बढ़ेगी, अनुपालन का बोझ घटेगा और नए अवसर खासकर एमएसएमई सेक्टर में पैदा होंगे।
2047 तक ‘विकसित भारत’ का सपना
मोदी ने कहा कि देश का साझा लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत बनाना है। इसके लिए आत्मनिर्भरता पर ध्यान देना जरूरी है और GST 2.0 इस दिशा में बड़ा कदम है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि इस त्योहार के मौसम में Made in India उत्पादों को अपनाएं और स्वदेशी को बढ़ावा दें।
“हम जो खरीदते हैं, वह स्वदेशी हो।
हम जो बेचते हैं, वह स्वदेशी हो।”
स्वदेशी पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासी जब स्थानीय उत्पाद खरीदेंगे तो न केवल भारतीय कारीगरों और श्रमिकों को सहारा मिलेगा, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
उन्होंने व्यापारियों और दुकानदारों से अपील की कि वे भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दें और गर्व से कहें – “हमारा खरीदना और बेचना, दोनों स्वदेशी है।”
