चंबा. मनरेगा के तहत श्रमिकों की ऑनलाइन हाजिरी समेत अन्य समस्याओं का समाधान न होने के विरोध में एक फरवरी से राष्ट्रीय स्तर पर काम रोको हड़ताल शुरू होगी. यह निर्णय राष्ट्रीय सरपंच संघ हिमाचल प्रदेश ने किया है. इसके लिए केंद्रीय सरपंच संघ ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किया है. उन्होंने एक फरवरी से शुरू हो रही हड़ताल में समस्त पंचायत प्रतिनिधियों को भी सहयोग करने की अपील की है.
सरपंच संघ ने सर्वसम्मति से काम रोको हड़ताल शुरू करने का निर्णय किया
राष्ट्रीय सरपंच संघ के प्रधान ने बताया कि 11 जनवरी को केंद्रीय मंत्री से मिलकर राष्ट्रीय सरपंच संघ ने मनरेगा की ऑनलाइन हाजिरी लगाने में आ रही समस्याओं समेत पंचायत स्तर की अन्य समस्याओं के बारे में अवगत करवाया था. बावजूद इसके इन समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया. अब केंद्रीय सरपंच संघ ने सर्वसम्मति से एक फरवरी से काम रोको हड़ताल शुरू करने का निर्णय किया है.
रोजगार नहीं मिलने पर मनरेगा मजदूर भड़के
मनरेगा में सौ दिनों का रोजगार नहीं मिलने के कारण खंड विकास अधिकारी कार्यालय धर्मपुर के बाहर सैकड़ों मजदूरों ने धरना-प्रदर्शन किया. मजदूरों ने लिखित में सामूहिक आवेदन भी किए तथा ऑनलाइन हाजिरी, बीस कार्यों की शर्त हटाने समेत मनरेगा में मजदूरी 350 रुपये करने के लिए खंड विकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजा.
यूनियन ने मांग की कि मनरेगा मजदूरों को राज्य सरकार की निर्धारित 350 रुपये दिहाड़ी दी जाए. मजदूर विरोधी नीतियों पर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया गया है. इसे और तेज कर दिया जाएगा.
पांच सौ से अधिक मजदूरों ने रोजगार के लिए आवेदन किया
खंड विकास कार्यालय में ग्राम पंचायत चोलथरा, सरौन, गरयोह, कोट, टिहरा, तनिहार, ग्रोड़ू, सधोट, पिपली, सज्याओपिपलु, जोढन, डरवाड़, घरवासड्डा, लौंगनी, सरी, बिंगा, ब्रांग, सिद्धपुर, दतोहली-परडाना, दतवाड़, नेरी, संधोल, कोठहुवां इत्यादि पंचायतों के पांच सौ से अधिक मजदूरों ने रोजगार के लिए सामूहिक आवेदन किया.