मंडी. जिला के गोहर उपमंडल में बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत किए गए आवेदन के कागजात गुम हो गए हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि आवेदक पिछले दो सालों से कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है.
अब आवेदक को सलाह दी जा रही है कि दोबारा आवेदन करें. गोहर निवासी भीखम राम ने बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत विभाग के पास आवेदन के साथ जो जरूरी दस्तावेज संलग्न किए थे. वे विभागीय लापरवाही के चलते गुम हो गए हैं.
आर्थिक मदद के लिए किया था आवेदन:
गोहर उपमंडल के मुख्यालय पर खड्डी का काम करने वाले भीखम राम के चचेरे भाई की दो वर्ष पहले मौत हो जाने से उनका 11 वर्षीय बेटा आदित्य देख-रेख के लिए भारत सरकार की बाल-बालिका सुरक्षा योजना के तहत महिला एवं बाल विकास अधिकारी के कार्यालय में संपर्क करके आवेदन कर दिया.
योजना के तहत ऐसे बच्चों की परवरिश करने वाले को दो हजार रुपए महीना और बच्चे को 300 रुपए महीना की आर्थिक सहायता दी जाती है. 13 नवंबर 2015 से भीखम कार्यालय का चक्कर लगा रहा है. अब दो वर्ष बीत जाने के बाद उसे बताया गया कि आपके द्वारा दिए गए दस्तावेज गुम हो गए हैं और अब आपको दोबारा से आवेदन करना होगा.
भीखम राम ने मांग की है कि जबसे उसने आवेदन किया है तभी से योजना का लाभ दिया जाए. जबकि विभाग के ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
इधर, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी अंजू बाला ने भी माना है कि भीखम राम द्वारा किए गए आवेदन के दस्तावेज गुम हो गए हैं. उन्होंने बताया कि इस बारे में सीडीपीओ गोहर को दोबारा से दस्तावेज एकत्रित करके आवेदन करने को कहा जाएगा.