नई दिल्ली. एक समय जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के छात्रों को परीक्षा के लिए मानसिक तौर पर मज़बूत बनाने के लिए गुरु मंत्र दे रहे थे, उसी समय हिमाचल प्रदेश में स्कूली दलित छात्रों को अस्तबल में बैठने को मजबूर किया गया.
बीते शुक्रवार को पीएम मोदी जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश भर के स्कूली छात्रों से ‘ परीक्षा पर चर्चा ‘ कार्यक्रम कर रहे थे उसी वक्त बीजेपी शासित राज्य हिमाचल प्रदेश में दलित छात्रों के साथ अपमानजनक व्यवहार और बदसलूकी की गई. यह शर्मनाक घटना हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िले के चेष्ठा ग्राम पंचायत की है, जहां स्कूल प्रबंधक ने शुक्रवार को अपने घर पर ही पीएम की चर्चा का प्रसारण दिखाने की व्यवस्था की थी. आरोप है कि दलित छात्रों को बाहर उस स्थान पर बैठने को कहा गया, जहां घोड़े बांधे जाते हैं.
शुक्रवार शाम कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर के यहां कुछ छात्रों ने शिकायत की उन्हें मेहरचंद नामक टीचर ने उस कमरे से बाहर जाने को कहां, जहां टीवी पर प्रसारण दिखाया जा रहा था. छात्रों ने कहा कि उन्हें उस जगह पर बैठने को कहा गया जहां मवेशी और जानवर बांधे जाते हैं. यही नहीं इन दलित छात्रों को कार्यक्रम को बीच में छोडकर जाने की चेतावनी भी दी गई. छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल में मिड डे मील के दौरान भी उनसे भेदभाव किया जाता है.
हेडमास्टर राजन भारद्वाज ने घटना के लिए माफी मांगी
मामला सामने आने के बाद अनुसूचित जाति कल्याण मंच संघ ने शनिवार को स्कूल के हेडमास्टर राजन भारद्वाज से मिलकर इसपर गहरी आपत्ति दर्ज कराई है. मामला तूल पकड़ते देख हेडमास्टर राजन भारद्वाज ने घटना के लिए माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में यहां ऐसी घटना नहीं होगी. इस मामले पर हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश
इस मामले पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्त भी इस मामले पर कड़ी जांच कर रहे है. अगर इस तरह की घटना कुल्लू के स्कूल में हुई है तो इसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. दोषियों को किसी भी हालत में बक्शा नहीं जाएगा.