नई दिल्ली. दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को IRCTC घोटाले मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए। इसके अलावा, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी पर भी कई अपराधों के आरोप लगाए गए हैं। यह कदम बिहार विधानसभा चुनावों से पहले RJD के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
आरोपों का विवरण
लालू यादव के केंद्रीय रेल मंत्री के पद पर रहने के दौरान, दो IRCTC होटलों के रखरखाव के लिए ठेकों में कथित अनियमितताओं के संबंध में तीनों सहित 11 अन्य लोगों पर आरोप लगाए गए हैं।
अभियुक्तों पर लगाए गए मुख्य कानूनी प्रावधान इस प्रकार हैं:
आईपीसी की धारा 420 – धोखाधड़ी का अपराध।
आईपीसी की धारा 120B – आपराधिक साजिश।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(d) और 13(2) – सार्वजनिक सेवक द्वारा किया गया आपराधिक कदाचार (लालू यादव के मामले में)। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि CBI ने आरोपों का समर्थन करने के लिए सबूतों की एक श्रृंखला पेश की है।
आरोपों से इनकार
मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव,राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे। राबड़ी देवी ने कहा कि यह झूठा मामला है। हम कानूनी रूप से लड़ेंगे। तेजस्वी यादव ने भी कहा, “हम सभी आरोपों को खारिज करते हैं और मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार हैं।
कोर्ट का कहना: लालू परिवार को मिला अनुचित लाभ
कोर्ट ने कहा कि लालू प्रसाद यादव साजिश से अवगत थे और उनके परिवार के सदस्यों को IRCTC ठेकों के बदले अनुचित लाभ दिए गए। कोर्ट ने यह भी कहा कि परिवार ने जमीनें बाजार मूल्य से कम कीमत पर हासिल की।
CBI के मामले में यह आरोप है कि 2004 से 2009 तक लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए, बिहार के लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जैसे शहरों में ग्रुप D की नौकरियां दी गईं। इन नौकरियों के बदले लाभार्थियों ने अपनी जमीनें लालू परिवार के सदस्यों या उनके कंपनियों के नाम ट्रांसफर कर दीं।
