नई दिल्ली. 8th Pay Commission को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच चिंता का माहौल है। जहां साल की शुरुआत में सरकार की ओर से वेतन आयोग पर संकेत दिए गए थे, वहीं अभी तक official announcement नहीं होने से संशय और असमंजस गहराता जा रहा है। खासतौर पर central government employees और पेंशनर्स को प्रतिनिधित्व देने वाली संस्था NC-JCM (National Council – Joint Consultative Machinery) ने 8वें वेतन आयोग के गठन से संबंधित Terms of Reference (ToR) को सार्वजनिक करने की मांग तेज कर दी है।
8th CPC गठित किया जाएगा
NC-JCM के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने 18 जून को इस मुद्दे पर Cabinet Secretary को पत्र लिखकर चिंता जताई है। पत्र के अनुसार, इस साल जनवरी में DOPT (Department of Personnel & Training) ने संकेत दिया था कि 8वां वेतन आयोग (8th CPC) गठित किया जाएगा और उसकी शर्तों पर विचार किया जा रहा है। उस समय स्टाफ साइड से सुझाव मांगे गए थे, जो विधिवत रूप से DOPT को भेजे जा चुके हैं।
लेकिन अब तक न तो आयोग के ToR फाइनल हुए हैं और न ही कोई आधिकारिक घोषणा हुई है, जिससे कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों में भ्रम बढ़ गया है। इसके अलावा Finance Bill 2025 में यह लिखा गया है कि सरकार को यह अधिकार होगा कि वह पेंशनर्स को वेतन संशोधन (Pay Revision) का लाभ दे या नहीं। इससे पेंशनर्स के बीच insecurity और resentment का भाव बढ़ा है।
NC-JCM की मुख्य मांगें यह हैं कि:
8th Pay Commission का गठन जल्द किया जाए,उसकी शर्तों (Terms of Reference) को सार्वजनिक किया जाए पेंशनभोगियों को भी वेतन संशोधन का पूरा लाभ दिया जाए सरकारी कर्मचारियों को चिंता है कि यदि आयोग का गठन समय पर नहीं हुआ तो New Pay Matrix 2026 से लागू नहीं हो पाएगा और उन्हें वर्षों तक नए वेतनमान से वंचित रहना पड़ सकता है। देश में इस समय करीब 50 लाख Central Employees और 65 लाख Pensioners हैं, जो इस निर्णय से प्रभावित होंगे। अगर सरकार जल्द स्थिति स्पष्ट नहीं करती, तो इससे Employee Morale गिर सकता है और सरकार की नीयत पर सवाल खड़े हो सकते हैं।