कसौली(सोलन). कसौली में सनावर के जंगल में भारी मात्रा में एक्सपायर हो चुकी दवाइयों फैंकी हुई मिली हैं. एक्पायरी दवाइयों से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव न पड़े इसके लिए उन्हें वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज किया जाता है. यह कार्य इंसीनेटर की मदद से प्रदूषण बोर्ड की निगरानी में होता है. लेकिन फार्मा कम्पनियां और दवा विक्रेता दवाइयों के डिस्पोज में आने वाले खर्च से बचने के लिए इन्हें अवैध रूप से खुले में ही फैंक देते हैं.
एक्सपायरी दवाइयों को जंगली नालों में फैंकने से पर्यावरण में दूषित कैमिकल घुल जाता है. दवाइयों का कैमिकल सिंचाई के माध्यम से फसलों पेयजल स्रोत में भी मिल सकता है. इस प्रकार के पानी का सेवन करने से मनुष्य के शरीर में अवांछित प्रभाव पड़ने का खतरा बना रहता है. यही कारण है कि इस प्रकार की दवाइयों को डिस्पोज करने के लिए इतनी सख्ती बरती जाती है.
सनावर जंगल में फेंकी गयी यह सभी दवाईयां हरियाणा के करनाल में बनी हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि हिमाचल के किसी दवा होल सेलर के पास रखे-रखे ये एक्सपायर हो गई होंगी और उसने खर्च से बचने के लिए रात के अँधेरे में इन्हें जंगल में ठिकाने लगा दिया.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एन के गुप्ता ने इस मसले पर कहा है कि दवाईयां इस तरह से खुले में फेंकना एक दंडनीय अपराध है. इन दवाइयों को वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज ऑफ़ किया जाना चाहिए था. इसलिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.