नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार 1 फरवरी 2023 को अपना 5वां और देश का 75वां बजट पेश किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इससे पहले बजट को औपचारिक मंजूरी दी इसके बाद हुई कैबिनेट की बैठक में भी बजट को मंजूरी दे दी गई.
आज के बजट में जिस बोत को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वो है आयकर. वित्त मंत्री ने घोषणा कि की अब देश में 7 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह देश के मध्य आय वाले तबके के लिए सबसे अहम चीज है। इसके अलावा सरकार ने आयकर की स्लैब भी घटा दी गई हैं. इन्हें अब 6 से घटाकर 5 कर दिया गया है।
वित्त राज्य मंत्री भागवत कृष्णा कराड़ ने बजट से पहले ही कहा था कि ये बजट पॉजिटिव होगा. इसका असर शेयर मार्केट पर भी दिखा. मार्केट खुलते ही सेंसेक्स में 400 पॉइंट की तेजी नजर आई. वैसे भी निर्मला सीतारमण पिछले 4 बजट में कुछ न कुछ नया करती आई हैं. चाहे वो ब्रीफकेस से बही-खाता हो, पेपर लेस बजट हो या फिर सबसे लंबा बजट भाषण.
बजट को क्यों मिल रही थी इतनी तरजीह…
1. इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं.
2. अगले साल लोकसभा चुनाव है, तो उससे पहले ये आखिरी फुल बजट है.
3. सरकार के पास देश को बताने और जताने का बड़ा इंस्ट्रूमेंट होता है बजट.
सीतारमण का 5वां बजट, हर बार कुछ नया लेकर आईं
1. 2019 पहला बजट: ब्रीफकेस बजट की जगह बहीखाता. सीतारमण ने पहले बजट के साथ ही परंपराओं को तोड़ना शुरू किया. 2019 में ब्रीफकेस बजट की जगह लाल कपड़े में बजट दस्तावेज लेकर पहुंचीं यानी बहीखाता. रिकॉर्ड 2 घंटे 17 मिनट तक भाषण दिया.
2. 2020 दूसरा बजट: इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण
सीतारमण ने 2 घंटे 42 मिनट तक भाषण दिया. ये भारतीय इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण था. तबीयत बिगड़ी तो आखिरी दो पन्ने पढ़े ही नहीं. पीठ से कह दिया कि इन दो पन्नों को पढ़ा हुआ मान लिया जाए.
3. 2021 तीसरा बजट: पहली बार पेपरलेस बजट
सीतारमण लाल रंग के टैबलेट में बजट लेकर पहुंचीं. देश का पहला पेपरलेस बजट पेश किया गया. देश के 3 राज्यों हिमाचल (2015), ओडिशा (2020) और हरियाणा (2020) में पहले ही पेपरलेस बजट पेश किया जा चुका था.
4. 2022 चौथा बजट: हलवा रस्म नहीं हुई, सबसे छोटा बजट भाषण
सीतारमण ने 1 घंटे 30 मिनट का अपना सबसे छोटा बजट भाषण दिया. कोरोना के चलते प्रिंटिंग से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी भी नहीं हुई. अधिकरियों को मिठाई बांटी गई. हालांकि 2023 के बजट में ये रस्म वापस आ गई. सीतारमण ने अधिकारियों को हलवा बांटा. ये लॉक इन प्रॉसेस की शुरुआत होती है. यानी ये अफसर बजट जारी होने तक बाहरी दुनिया से कट जाते हैं. ऐसा गोपनीयता के चलते किया जाता है.