नई दिल्ली. दशकों से चल रहे राम जन्मूभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में अब जल्द ही कोई नतीजा निकलेगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार से रोजाना इस मामले की सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच रोज दोपहर दो बजे से इस मामले पर सुनवाई करेगी.आपकों बता दें कि, जस्टिस दीपक मिश्रा, अशोक भूषण और अब्दुल नजीर की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस मामले की सुनवाई के दौरान इसे धर्म और आस्था का मामला कहते हुए सभी पक्षकारों को बातचीत के जरिए हल ढूंढने के लिए कहा था.परन्तु, इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया.
वहीं सुनवाई से ठीक पहले शिया वक्फ बोर्ड ने अदालत में अर्जी लगाकर राम जन्मभूमि विवाद में पक्षकार होने का दावा किया है. बोर्ड ने विवादित स्थल पर मालिकाना हक जताते हुए 30 मार्च 1946 के ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें मस्जिद को सुन्नी वक्फ की संपत्ति करार दिया गया था. इस अर्जी से मामला और फंस भी सकता है.
इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ ने साल 2010 में अयोध्या में विवादित क्षेत्र को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था. तीन न्यायाधीशों की पीठ ने आदेश दिया था कि भूमि को तीन पक्षकारों सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बांट दिया जाए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी. साथ विवादित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.
अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट किस तरह सभी पक्षों की भावनाओं का ख्याल रख पाता है, हाल के दिनों में देखा गया है, कि राम मंदिर के लिए पत्थरों का काम जोर शोर से हो रहा है, वहीं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कुछ दिनों पहले मुख्य न्यायधीश को कहा था कि इस मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए.