शिमला. हिमाचल की सुखविंदर सुक्खू सरकार ने बीते 9 महीने में खोले और अपग्रेड किए सभी शिक्षण संस्थान बंद करने का निर्णय लिया था. मगर, अब सिंगल ऑर्डर से संस्थान बंद करने पर सरकार पुनर्विचार कर सकती है.
सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग ने जब फील्ड से बंद होने वाले संस्थानों की जानकारी मांगी तो पता चला कि एक अप्रैल 2022 के बाद खोले गए बहुत से स्कूल व कॉलेज में काफी संख्या में बच्चे शिक्षा ले रहे हैं और संस्थान पूरी तरह फंक्शनल हैं.
इसे देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने दोबारा शिक्षा सचिव से स्कूलों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. इसमें पूछा गया है कि बीते 9 महीने में कैबिनेट ने कितने स्कूलों को अपग्रेड किया? कितने नए स्कूल खोले गए. इनमें कितने बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. जाहिर है कि अब सिंगल ऑर्डर से स्कूल बंद नहीं होंगे. शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ऐसे स्कूलों को लेकर अंतिम निर्णय लेगी.
कांग्रेस सरकार ने लिया था समीक्षा करने का निर्णय
सुक्खू सरकार ने बीते 9 महीने के दौरान जयराम सरकार द्वारा खोले गए व अपग्रेड किए गए सभी शिक्षण संस्थान बंद करने का निर्णय लिया है. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पूर्व सरकार ने चुनाव में वोट बैंक के लिए बिना इन्फ्रास्ट्रक्चर व बजट प्रावधान के ही स्कूल-कॉलेज खोले व अपग्रेड किए हैं.
इसलिए कांग्रेस सरकार ने इन्हें बंद करने का निर्णय लिया है, मगर बहुत से शिक्षण संस्थान फंक्शनल मिल रहे हैं. जिन स्कूलों की केवल घोषणा की गई है और उनके लिए स्टाफ व इन्फ्रास्ट्रक्चर का इंतजाम नहीं किया गया. ऐसे स्कूलों का बंद होना तय माना जा रहा है. राज्य सरकार अब सभी संस्थानों की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
जून-जुलाई तक खोले गए ज्यादातर संस्थान फंक्शनल सूत्र बताते है कि जून-जुलाई तक खोले गए ज्यादातर शिक्षण संस्थान फंक्शनल मिल रहे हैं, जबकि अगस्त से अक्तूबर के बीच कैबिनेट द्वारा खोले गए ज्यादातर नए स्कूल व कॉलेज के लिए न तो बजट का प्रावधान किया गया और न ही स्टाफ की व्यवस्था की गई.
जयराम ने दी थी कोर्ट जाने की चेतावनी
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी मीडिया के जरिए शिक्षण संस्थानों को बंद करने पर जनता के बीच जाने या अदालत जाने की बात कही थी. उन्होंने सुक्खू सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया था
पूर्व सरकार के निर्णय की समीक्षा करते CM सुक्खू
सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार ने जाते-जाते हर कहीं स्कूल-कॉलेज खोले हैं. इन्हें मालूम था कि सत्ता से उनकी विदाई तय है. इसलिए जो परिणाम भुगतने होंगे, वे कांग्रेस की सरकार भुगतेगी. इसलिए पूर्व सरकार के आखिरी 9 महीने के निर्णय की समीक्षा की जा रही है.