शिमला. हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के आखिरी दिन यानि 25 अक्टूबर को बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने नामांकन भरे. वहीं टिकट न मिलने से नाराज भाजपा और कांग्रेस के बागियों ने कई सीटों पर नामांकन कर दोनों दलों की परेशानी में लाकर खड़ा कर दिया है.
प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन की आखिरी दिन मंगलवार को प्रदेश में 376 लोगों ने नामाकंन दाखिल किए. मंगलवार को मंडी जिला में 81 लोगों ने नामांकन किए, जबकि कांगड़ा में 72, चंबा में 34, सिरमौर में 35, शिमला में 30, किन्नौर में 3, लाहौल स्पिति में 1, सोलन में 23, बिलासपुर में 23, हमीरपुर में 26 कुल्लू में 19 और ऊना में 29 लोगों ने नामांकन भरे.
आज नामांकन के दौरान कुछ नेता समर्थकों की भीड़ के साथ पहुंचे, तो कुछ ने सादगी के साथ अपना नामांकन किया. सियासत के हलकों के जानकारों का मानना है कि यदि बागी मैदान से नहीं हटे, तो भाजपा और कांग्रेस के जीत के समीकरण गड़बड़ा जाएंगे.
वे जिन्होंने निर्दलीय के तौर पर भरा पर्चा
शिमला जिला के चौपाल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट ने निर्दलीय नामांकन भरा. इसी तरह ठियोग से कांग्रेस की बागी इंदु वर्मा, सोलन जिला के अर्की से पूर्व कांग्रेस नेता राजेन्द्र ठाकुर, मंडी सदर से भाजपा के बागी प्रवीण शर्मा, धर्मशाला में भाजपा के बागी गद्दी नेता विपन नेहरिया, आनी से कांग्रेस के बागी परस राम ने पर्चे भरे. सिरमौर जिला की पच्छाद सीट से कांग्रेस के दिग्गज गंगू राम मुसाफिर ने भी बगावत कर आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरा.
कुल्लू सदर से भाजपा के प्रत्याशी रहे राम सिंह ने भी चुनावी ताल ठोक दी है. मंगलवार को हजारों कार्यकर्ताओं के साथ राम सिंह ढालपुर पहुंचे, जहां राम सिंह ने आजाद प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी के अधिकतर नेताओं ने भी आज अंतिम दिन नामांकन किया.
320 से अधिक ने भरा पर्चा
मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव के लिए 330 से अधिक उम्मीदवार नामांकन भर चुके हैं. 27 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 29 अक्टूबर को नामांकन वापिस लिए जा सकेंगे. हालांकि नामांकन के आंकडें ओर भी बढ़ सकते हैं.