नई दिल्ली. रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से दोबारा म्यांमार भेजने के बयान के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा आलोचना करने से खफा राजनाथ सिंह ने पलटवार किया है. चार दिवसीय कश्मीर दौरे पर गए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार ने प्रवासियों और विस्थापित लोगों के लिए एक मानवीय दृष्टिकोण अपनाया है, लेकिन हम गैरकानूनी प्रवास के सख्त खिलाफ हैं.
उन्होंने कहा, “जम्मू में रह रहे रोहिंग्या अवैध प्रवासी हैं और मैं उनकी उपस्थिति से सुरक्षा का खतरा होने से इनकार नहीं करता हूं.” गृहमंत्री से जम्मू के एक स्थानीय समूह ने यहां रह रहे 4,500 रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने की मांग की है.
राजनाथ सिंह ने कश्मीर के अपने चार दिवसीय दौरे पर विभिन्न संस्थानों के नेताओं से मुलाकात की है. वे 9 सितंबर से कश्मीर में हैं. इस दौरान उन्होने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों से भी मुलाकात की है. नौशेरा जाने के क्रम में वे सेना के जवानों और सीमा पर रह रहे लोगों से मिल चुके हैं.
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— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 11, 2017
गृहमंत्री ने कहा कि कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए दो हजार करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. आधार से नाम जोड़ने के बाद राशि वितरित की जाएगी.
पाकिस्तान के साथ बिगड़ते रिश्ते के बारे में उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से पाकिस्तान ने 400 बार युद्धविराम का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि पाकिस्तान को युद्धविराम के लिए मजबूर किया जाए. सीमा पर रह रहे लोगों को उन्होंने सामरिक सम्पदा बताते हुए कहा कि सीमा पर गोलीबारी से मरने वालों को एक लाख के बजाय 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.