नई दिल्ली. Khalistani Extremism को लेकर Canada की Intelligence Agency CSIS (Canadian Security Intelligence Service) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में एक अहम खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ Khalistani radicals कनाडा की सरज़मीं का इस्तेमाल भारत में हिंसा को भड़काने, आतंक की योजना बनाने और फंड इकट्ठा करने के लिए कर रहे हैं। यह पहली बार है जब कनाडाई एजेंसी ने इन गतिविधियों को “extremism” की श्रेणी में डाला है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि Khalistan-linked extremists, खासतौर पर Canada-based Khalistani groups, कनाडा से ही operate कर रहे हैं और भारत के खिलाफ एजेंडा चला रहे हैं। इन समूहों की गतिविधियों में शामिल हैं—propaganda फैलाना, आतंकी गतिविधियों की योजना बनाना और भारत में हिंसक घटनाओं को बढ़ावा देना।
CSIS की मानें तो 1980 के दशक के मध्य से ही Political Motivated Violent Extremism (PMVE) की जड़ें कनाडा में गहरी होती गईं, और इनका प्रमुख चेहरा Canada-based Khalistani groups रहे हैं। इनका मकसद भारत के पंजाब राज्य में एक स्वतंत्र खालिस्तान राष्ट्र की स्थापना करना है।
रिपोर्ट में किया गया दे दावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ गिने-चुने व्यक्तियों का एक ऐसा नेटवर्क सक्रिय है जो कनाडा को एक launch pad की तरह उपयोग कर रहा है। यही नहीं, इस गतिविधि ने Foreign Interference in Canada जैसे मामलों को भी बढ़ावा दिया है।
दोनों देशों ने अपने-अपने High Commissioners को बहाल करने की घोषणा भी की थी
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है जब हाल ही में PM Narendra Modi और कनाडा के PM के बीच संबंधों में सुधार की कोशिशें हो रही थीं। दोनों देशों ने अपने-अपने High Commissioners को बहाल करने की घोषणा भी की थी। लेकिन इससे पहले कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका के “credible allegations” का दावा किया था, जिसे भारत सरकार ने सिरे से “absurd and politically motivated” करार दिया था।
हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में कनाडा के Surrey शहर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव बढ़ा और भारत ने कनाडा से छह राजनयिकों को वापस बुला लिया था।
रिपोर्ट में साफ किया गया है कि भारत में चल रही खालिस्तान विरोधी कार्रवाइयों से कनाडा स्थित extremist groups में बेचैनी बढ़ी है और वे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं। Foreign Influence Operations के ज़रिए यह कोशिश की जा रही है कि भारत के खिलाफ एक narrative बनाया जा सके।