नई दिल्ली. Donald Trump द्वारा रूसी तेल खरीद पर भारत को खुलेआम चेतावनी दिए जाने के कुछ ही दिनों बाद, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मास्को यात्रा ने कूटनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है। भले ही यह एक पूर्वनिर्धारित यात्रा हो, लेकिन Russia-India strategic ties और अमेरिकी दबाव के बीच इसकी अहमियत काफी बढ़ गई है।
अजीत डोभाल मास्को यात्रा: मुख्य बिंदु
एनएसए डोभाल मंगलवार को Russia-India defence cooperation और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा के लिए मास्को पहुंचे।रूसी एजेंसी TASS के अनुसार, इस यात्रा में रूसी तेल की भारत को आपूर्ति, यूक्रेन युद्ध और मौजूदा वैश्विक तनाव जैसे मुद्दे एजेंडे में हैं। इससे पहले, रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने रूसी उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन से मुलाकात की।
Trump का आरोप: “भारत युद्ध मशीन को बढ़ावा दे रहा है”
ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया है, और संकेत दिए हैं कि वह इसे और बढ़ा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर उसे खुले बाजार में बेच रहा है और इससे रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को मदद मिल रही है।
ट्रंप ने कहा, “अगर वे (भारत) ऐसा करते हैं, तो मुझे बिल्कुल खुशी नहीं होगी।”
भारत ने दिया करारा जवाब: ‘पश्चिम खुद खरीद रहा है रूस से सामान’
MEA (Ministry of External Affairs) ने ट्रंप के आरोपों को “अनुचित और पक्षपातपूर्ण” बताया।
भारत ने कहा, अमेरिका और यूरोप खुद भी रूसी गैस, उर्वरक, यूरेनियम और रसायन खरीदते रहे हैं, फिर भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत सिर्फ अपने राष्ट्रीय हित और ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तेल खरीद रहा है।
Doval की यात्रा क्यों है महत्वपूर्ण?
India-Russia defence ties पिछले कुछ दशकों से बहुत मजबूत रहे हैं। चाहे बात S-400 missile system की हो या joint military exercises की, दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी गहरी है। अब जब अमेरिका भारत पर दबाव बना रहा है, तो Doval की यात्रा को counter-diplomacy के रूप में देखा जा रहा है।
आगे क्या हो सकता है?
ट्रंप अगर टैरिफ और बढ़ाते हैं तो यह India-US trade tensions को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है। वहीं, Doval की यह यात्रा भारत-रूस संबंधों को और मजबूत कर सकती है, खासकर ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्र में।