चीन के द्वारा वन बेल्ट-वन रोड (ओबोर) को बढ़ाये जाने के बाद भारत ने भी इसका जवाब ढूंढ लिया है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में की गई कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार अपनी बहुप्रतिष्ठित ‘सोसेक’ परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. भारत सरकार ने कई साल पहले ‘साउथ एशियन सब रीजनल इकोनॉमिक को-ऑपरेशन’ (सासेक) कॉरिडोर के जरिये भूटान, नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार को जोड़ने का प्रयास किया था. इस योजना को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने इंफाल-मेरोह (म्यांमार) तक सड़क बनाने के लिए 1630.29 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं.
पूर्व में एशियाई बाज़ार के लिए यह मार्ग भारत का प्रवेश द्वारा माना जाता है. इस मार्ग के जरिये भारत पूर्वोत्तर के राज्यों को न सिर्फ पूर्वी एशियाई के बाजारों से जोड़ने में कामयाब होगा बल्कि इससे यह भी साबित होगा कि भारत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी की अवधारणा को भी मानता है.
प्रधानमंत्री हाल ही में अपने सफल विदेश दौरे से लौटे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री पडोसी देशों से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध बनाने लिए कई अहम फैसले लेने वाले हैं. स्वदेश लौटने के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक में उन्होंने फलस्तीन को सहयोग देने से जुड़े दो अहम परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इसमें एक परियोजना स्वास्थ्य और औषधि के क्षेत्र में है. इसके अलावा फलस्तीन को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मदद देने संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई गई है. वहीं कैबिनेट में बांग्लादेश से रिश्ते मजबूत करने लिए भी दो अहम फैसले लिए गये हैं. जिसमें बांग्लादेश में निवेश बढ़ाने सम्बन्धी समझौते को आसानी से लागू किया जा सके. जो आने वाले दिनों में दोनो देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा.