भारत और पाकिस्तान में कश्मीर को चल रहे विवाद को लेकर चीन की मध्यस्थता को भारत ने ठुकरा दिया है. चीन के प्रस्ताव को ठुकराते हुए भारत ने कहा कि इस मामले का मूल कारण सीमा पार से फैलाया जा रहा आतंकवाद है. जिससे पूरे क्षेत्र में शांति भंग हो रखी है. किसी खास जगह से फैलाये जा रहे आतंकवाद से कश्मीर की स्थिति भयावह बनी हुई है. यहां के लोग इस कारण हर पल डर के साए में जी रहे हैं.
भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले का कहना है कि भारत की स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट है. द्विपक्षीय वार्ता में कश्मीर समेत पाकिस्तान से सभी मुद्दों पर बातचीत करने के रूख में भारत कोई बदलाव नहीं करेगा. वहीं बागले ने पाकिस्तान सरकार पर हमला करते हुए बोला कि वहां की सरकार आतंकवादी संगठन लश्कर –ए-तैयबा की भाषा बोल रही है. जो बुरहान वाणी जैसे आतंकवादी एक मारे जाने पर उसका गुणगान करती है.
वहीं चीन ने कहा कि कश्मीर के हालात ने अन्तराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान खिंचा है. इसलिये वह भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने के मध्यस्थता करने को तैयार है. वहीं अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले को लेकर चीन ने कुछ नहीं कहा.
दूसरी तरफ भारत और चीन में सिक्किम के डोकाला में चल रहे विवाद को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है. हमने इस बारे में पहले भी अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. इस पर बात करने के लिए राजनयिक चैनल खुले हुए हैं.