नई दिल्ली: भारत ने सोमवार, 29 दिसंबर को पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (LRGR-120) का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया, जो देश की प्रिसिजन स्ट्राइक और लंबी दूरी की आर्टिलरी क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। यह परीक्षण ओडिशा के बालासोर जिले में चांदीपुर स्थित Integrated Test Range (ITR) में संपन्न हुआ।
परीक्षण और विशेषताएं
परीक्षण में रॉकेट ने अपनी अधिकतम दूरी 120 किलोमीटर तय करते हुए सभी निर्धारित उड़ान manoeuvres सफलतापूर्वक दिखाए। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि LRGR ने लक्ष्य को सटीक निशाने पर मारा।
रॉकेट को सर्विस में चल रहे पिनाका लांचर से लॉन्च किया गया, जिससे विभिन्न रेंज वाले पिनाका वेरिएंट्स की बहुमुखी क्षमता प्रदर्शित हुई। परीक्षण के दौरान सभी रेंज उपकरण ने उड़ान को पूरी ट्रैजेक्टरी में ट्रैक किया।
यह रॉकेट Armament Research and Development Establishment (ARDE) द्वारा High Energy Materials Research Laboratory (HEMRL), Defence Research and Development Laboratory (DRDL) और Research Centre Imarat (RCI) के सहयोग से डिजाइन और विकसित किया गया है। परीक्षण का समन्वय ITR और Proof & Experimental Establishment ने किया।
DRDO और रक्षा मंत्री का अभिनंदन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और सभी सहयोगियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और इसे भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में एक गेम-चेंजर बताया। DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने परीक्षण के दौरान टीम को मिशन उद्देश्यों की सफलता पर बधाई दी।
79,000 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद मंजूर
इस दिन ही डिफेंस अक्विज़िशन काउंसिल (DAC) ने लगभग 79,000 करोड़ रुपये की बड़ी सैन्य खरीद को मंजूरी दी। इसमें आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के लिए कई प्रणालियाँ शामिल हैं, जो भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करेंगी।
भारतीय सेना: Loiter Munition Systems, Low Level Light Weight Radars, Pinaka LRGR Ammunition, और Upgraded Integrated Drone Detection System Mk II।
भारतीय नौसेना: Bollard Pull Tugs, High Frequency Software Defined Radios, Manpack, और High Altitude Long Range RPAS।
भारतीय वायु सेना: Automatic Take-off Landing Recording System, Astra Mk II मिसाइल, Full Mission Simulator, और SPICE 1000 Long Range Guidance Kits।
ये नई प्रणालियाँ न केवल सटीक हमले और रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएंगी, बल्कि ड्रोन, लंबी दूरी के लक्ष्यों और प्रशिक्षण में सुधार के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होंगी।
