मंडी. हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अवरोध हटने के साथ ही जयराम मुख्यमंत्री चुन लिए गए हैं. वहीं प्रदेश की राजनीति में अहम किरदार निभाने वाले मंडी जिला में पचास साल बाद इतिहास बदला है. जयराम ठाकुर मंडी से इकलौते सीएम बनेंगे.
उनसे पहले डॉ. परमार, ठाकुर रामलाल, वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बन चुके हैं. मंडी वासियों के लिए यह गौरव का क्षण है कि उनके जिले से विधायक अब प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं. मंडी जिला से मुख्यमंत्री की दावेदारी 1967 से शुरू हो गई थी. उस समय ठाकुर कर्म सिंह जो चच्योट विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री के दावेदार थे. मगर अधिकांश विधायकों का समर्थन होने के बावजूद भी डॉ. परमार से बाजी हार गए थे. मंडी जिला से ही पं. सुखराम ने डा. परमार के साथ मिलकर कर्म सिंह ठाकुर को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर दिया था.
2012 में कौल सिंह ठाकुर बतौर प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री की दौड़ में थे. मगर चुनाव से ठीक पहले वीरभद्र सिंह ने कौल सिंह को हटाकर कमान अपने हाथ में लेली और कौल सिंह का सपना भी धरा का धरा रह गया. इस बार हालांकि, भाजपा की ओर से प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया गया था. मगर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने थुनाग रैली में जयराम को बड़ी जिम्मेदारी देने के संकेत दिए थे और धूमल के चुनाव हार जाने से उनकी दावेदारी मजबूत हो गई.
आखिरकार छह दिन के सियासी अवरोध के बाद मंडी के सराज से जयराम के रूप में हिमाचल को सरताज मिल ही गया. और इसके साथ ही मंडी में पचास सालों का सूखा भी खत्म हो गया. मंडी संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री बनने वाले जयराम ठाकुर पहले विधायक हैं. शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा संसदीय क्षेत्रों को पहले ही यह गौरव हासिल हो चुका है.