नई दिल्ली. नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों में लगातार भाग दौड़ जारी हैं. इसी कड़ी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 40 दिनों में अपने तीसरे दौरे पर हिमाचल में है. लगातार हो रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे से हिमाचल की सियासत गर्माई हुई है. इससे पहले नड्डा 22 अप्रैल को कांगड़ा के नगरोटा बगवां में रोड शो करके गये थे.
लगातार हिमाचल पर ही अपना फोकस
अभी हिमाचल प्रदेश और गुजरात दोनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा पिछले कुछ महीनों में लगातार हिमाचल पर ही अपना फोकस बनाए हुए हैं. इसेक अलावा एक और दिलचस्प बात ये है कि भी है पंजाब में मिली बड़ी जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी हिमाचल और गुजरात दोनों राज्यों में मजबूती से अपने पैर जमाने की कोशिशों में लगी हुई है, इसके लिए आप के बड़े नेता लगातार इन राज्यों का दौरा भी कर रहे हैं.
हर महीने 2 से 3 दिन हिमाचल में
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हर महीने में कम से कम दो से तीन दिन अपने गृह राज्य हिमाचल में बिता रहे हैं. अप्रैल की शुरूआत के बाद से ये नड्डा का तीसरा हिमाचल दौरा है. पिछले महीने जब वो हिमाचल गए थे तो 9 से लेकर 12 अप्रैल तक, कुल चार दिन वहां ठहरे थे. उस यात्रा के दौरान उन्होंने शिमला और बिलासपुर में 25 से ज्यादा जगहों पर सार्वजनिक सभाएं और कार्यक्रम किए. इसके बाद 22-23 अप्रैल को वो फिर कांगड़ा पहुंचे थे. जहां उन्होंने रोड शो और जनसभाओं को संबोधित किया था.
आज यानि 13 मई को जेपी नड्डी फिर से हिमाचल दौरे पर हैं और धर्मशाला व कुल्लू में जनसभाएं और बैठकें करने वाले हैं. आज सुबह कुल्लू में उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया इसके अलावा उन्होंने रोड शो मे भी हिस्सा लिया. नड्डा ने कुछ पदाधिकारियों के साथ एक बैठक होनी है. वहीं, धर्मशाला में वो भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक को संबोधित किया. पिछले दिनों हुए उपचुनावों में भाजपा कुल्लू समेत प्रदेश की 3 विधानसभा और एक लोकसभा सीट हार गई थी, ऐसे में उनकी यह यात्रा काफी अहम मानी जा रही है.
नड्डा के लिए हिमाचल के मायने
हिमाचल प्रदेश नड्डा का गृहराज्य है और हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों के परिणामो को छोड़ दें तो इन दोनों राज्यों की तरह ही यहां भी दल लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल नहीं कर पाई है. जैसे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड (2001 से पहले उत्तर प्रदेश एक ही राज्य था) में 1983 के बाद से 2022 तक कोई भी दल लगातार दूसरी बार सत्ता में वापिस नहीं लौट पाया था.
इसी तरह, हिमाचल में भी साल 1985 के बाद से किसी भी दल को लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का जनादेश नहीं मिल पाया है. हालांकि 2022 में आये उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नतीजों नें इस मिथक को तोड़ते हुए और भाजपा को दशकों बाद लगातार दूसरा कार्यकाल दिया. भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा अपने गृह राज्य हिमाचल में भी इसी इतिहास को दोहराना चाहते हैं.
चुनाव और हालिया उपचुनाव में मिली हार
हिमाचल में नवंबर में आये तीन विधानसभा और एक लोकसभा उपचुनाव के नतीजों में कांग्रेस ने सत्ताधारी भाजपा को तगड़ा झटका देते हुए चारों सीट जीत ली थी. ऐसे में विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा की चिंता और बढ़ गई है. उपर से आम आदमी पार्टी की एंट्री ने चुनावों को और दिलचस्प बना दिया है. अगर भाजपा का प्रदर्शन यहां खराब रहता है तो इससे दल का अध्यक्ष होने के नाते जे पी नड्डा की छवि पर असर पड़ेगा. खासकर ऐसे समय में जब अगले साल की शुरुआत में भाजपा के अध्यक्ष के तौर पर उनकी दूसरे कार्यकाल पर नजर है.