किन्नौर. जिले में कार्यरत कर्मचारियों को 6 माह का अग्रिम वेतन प्रदान न करने के सरकारी फरमान का हर तरफ विरोध होने लगा है. अराजपत्रित कर्मचारी संघ किन्नौर के पूर्व संयुक्त सचिव प्यारे लाल नेगी ने प्रेस को दिए बयान में बताया कि प्रदेश के वित्त विभाग का यहां के कर्मचारियों को अग्रिम राशि न दिए जाने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है जोकि एकतरफा निर्णय है. उन्होंने बताया कि 6 माह की अग्रिम वेतन न मिलने से कर्मचरियों को कई प्रकार के कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.
किन्नौर के कई क्षेत्रों में संचार व बैंकिंग सुविधाएं नहीं
पूर्व संयुक्त सचिव ने बताया कि वित्त विभाग का तर्क है कि जनजातीय जिले में संचार व बैंकिंग व्यवस्था दुरुस्त है जबकि वास्तविकता कुछ और ही है. उन्होंने बताया कि जनजातीय जिला किन्नौर के कई क्षेत्रों में संचार व बैंकिंग जैसी सुविधाएं नहीं है. उन्होंने बताया कि वित्त विभाग का यह तर्क कि क्षेत्र में संचार जैसी व्यवस्था दुरुस्त है तो क्यों जिले में आवासीय आयुक्त व एकल प्रशासन की व्यवस्था है. उन्होंने जिले में एकल प्रशासन के प्रासंगिकता पर भी विचार किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिले में पुरानी व्यवस्था को बनाए रखना हो तो जिले में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के अग्रिम वेतन व्यवस्था को भी बनाए रखना चाहिए.