शिमला. कोटखाई मामले में शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. लॉकअप में सूरज की हत्या मामले में अब सीबीआई पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मांगेगी. नेगी के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दायर करने के बाद जल्द ही अभियोजन मंजूरी की फाइल चलाएगी. हालांकि जांच एजेंसी ने पूर्व आईजी जहूर जैदी और पूर्व डीएसपी मनोज जोशी के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मांगी है, लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक अनुमति नहीं दी है.
सीबीआई ने शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी के खिलाफ आईपीसी की धाराआें 302, 201 और 120 बी के तहत कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया है. 15 पन्नों के इस पूरक आरोप पत्र में सूरज की हत्या मामले में नेगी की संलिप्तता के सबूतों और साक्ष्यों को रखा है. गुडिय़ा दुराचार और हत्या मामले में पुलिस की आेर से बनाए गए आरोपी सूरज की पिछले साल 18 जुलाई को कोटखाई थाने के लॉकअप में मौत हुई थी. उस समय डीडब्लयू नेगी शिमला के एसपी थे. पुलिस लॉकअप में सूरज की हुई मौत में पूर्व एसपी व पूर्व आईजी सहित 9 पुलिस वालों की संलिप्तता पाई गई थी. जो इन दिनों न्याययिक हिरासत में हैं. सूत्रों के मुताबिक पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी ने मुख्य आरोपी को बचाने के लिए इस तरह का षडयंत्र रचा था.
सूरज की हत्या मामले में सीबीआई ने पिछले साल 16 नवंबर को नेगी को गिरफ्तार किया था. जबकि अन्य आठ पुलिस वाले 28 अगस्त को गिरफ्तार कर लिए गए थे. नेगी के खिलाफ दायर सीबीआई की चार्जशीट में सामने आया है कि पुलिस लॉकअप में हुई सूरज की मौत को लेकर आरोपी पुलिस वालों ने आपसी मिलीभगत से फर्जी केस बनाया. इसके तहत गुडिय़ा रेप और मर्डर केस में पकड़े गए राजू को सूरज की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए आरोपी बनाया गया, लेकिन सीबीआई जांच में ऐसे तथ्य सामने नहीं आए.