कुल्लू. मंडी के बालीचौकी स्थित डाहर गांव में सोमवार की दोपहर धधकी आग का जानलेवा धुआं कुल्लू के आसमान तक छाया हुआ है. हालांकि सूरज उगने के बाद धुआं छंटा जरूर मगर डाहर की आग ने लोगों को दो साल पहले कोटला में लगी भीषण आग की याद दिला दी.
हरे हो गए जख्म
डाहर की आग में गांव के 30 से ज्यादा परिवारों के बेघर हो जाने की खबरों ने कोटला से मिले जख्म हरे कर दिए क्षेत्रीय लोग याद करते हैं कि कोटला की आग भी इसी तरह फैली थी और कुछ ही देर में उसने विकराल रूप धारण कर लिया था. डाहर की आग का धुआं भी मंगलवार को कुल्लू-भुंतर तक देखा गया.
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील ने बताया कि धुआं जहरीला होता है और जिन लोगों को सांस संबंधी बीमारी होती है. उन्हें इससे परेशानी होती है और साथ ही आंखों में जलन भी इससे होती है.