नई दिल्ली. मनोहर नायक पिछले एक महीने से अपनी पत्नी को साइकिल से ढूंढ रहे थे. 65 गांवों में भटकने के बाद आखिरकार वे राष्ट्रीय राजमार्ग-6 के नजदीक पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदनीपुर जिले के खड़गपुर में अपनी पत्नी से मिल पाए. मनोहर नायक उड़ीसा में मजदूरी करते हैं. उनकी पत्नी मानसिक रूप से अस्वस्थ्य हैं.
मनोहर अपनी पत्नी अनिता और 14 साल के बेटे कबीरदास नायक को पश्चिम सिंहभूमि जिले के कुमरासोल गांव में छोड़ रखा था. 11 जनवरी को अनिता घर से निकली लेकिन लौटते हुए रास्ता भूल गई. वह कोलकाता की ओर पैदल चलते-चलते 120 किलोमीटर दूर खड़गपुर पहुंच गई.
पत्नी की गुमशुदगी की जानकारी मिलने पर मनोहर ओडिशा से काम छोड़कर कुमरासोल गांंव लौटे और पास के दो पुलिस स्टेशन मुसाबनी और डुमरिया में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. पुलिस की कार्रवाई का इंतजार किए बिना वह साइकिल से अपनी पत्नी की खोज में निकल गए. करीब एक महीने तक वे पत्नी की फोटो लिए 65 गांवों में के लोगों से पूछताछ किया. इसबीच स्थानीय मीडिया में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी छपी.
अखबार में छपी खबर को देखकर खड़गपुर के कुछ लोगों ने अनिता को पहचाना और स्थानीय पुलिस स्टेशन को सौंप दिया. कार्रवाई करते हुए खड़गपुर पुलिस ने मुसाबनी पुलिस स्टेशन में संपर्क किया. जब मनोहर को अपनी पत्नी की बरामदगी की सूचना मिली तो वह साइकिल चलाते हुए सिंहभूमि जिले के घाटसिला से खड़गपुर रविवार को पहुंचे.
मनोहर कहते हैं, ” मैं उसे एक महीने से साइकिल से ढूंढ़ रहा हूं लेकिन कभी अपना विश्वास नहीं खोया. हम दोनों राज्यों की पुलिस के अभारी हैं. हम साइकिल से उसे वापस ले जानेवाले हैं.”
खड़गपुर पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि महिला यहां कैसे पहुंची यह नहीं कह सकते हैं. स्थानीय लोगों ने अखबार में छपी खबर को देखकर हमें इसकी सूचना दी. हमने झारखंड पुलिस से संपर्क किया, उनकी तरफ से पुष्टि होने के बाद आगे की कार्यवाई की गई है.