शिमला. हिमाचल की चुनावी बहार में कांग्रेस के दो दिग्गज कैबिनेट मंत्रियों ने टिकट के लिए आवेदन ही नहीं किया. आवेदन की अंतिम तारीख निकले हुए 4 दिन बीत चुके हैं. आखिर इन दो मंत्रियों का प्लान क्या है, चर्चा है कि कहीं यह दोनों ही कांग्रेस को अलविदा करने के मूड में तो नहीं, ऐसी प्रदेश भर में चर्चा हो रही है.
कांगड़ा से दिग्गज परिवहन मंत्री जीएस बाली और मंडी से पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पुत्र पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने कांग्रेस पार्टी में टिकट के लिए आवेदन ही नहीं किया. वहीं लंबे समय से इन दोनों परिवारों के सदस्यों का कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में जाने के कयास लगाए जाते रहे हैं.
अब कांग्रेस से टिकट न मांगने के कारण, दोनों नेताओं के सियासी समीकरणों को लेकर एक बार फिर चर्चा होने लगी है कि आखिर दोनों नेताओं के परिवारों का प्लान क्या हैं? क्या यह दोनों रजनीतिक जीवन से सन्यास लेना चाहते हैं या फिर कुछ और प्लान है इसका खुलासा होना बाकी है.
जी एस बाली की बात करें तो इन्होने कई बार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सामने मोर्चा खोला है. बार-बार पार्टी और मंत्री पद छोड़ने की बात कर दबाव बनाया और इसका फायदा भी उठाया है. इनके पुत्र रघुबीर बाली भी कांग्रेस के सचिव हैं. प्रचार कमेटी में प्रदेश भर से एक ही परिवार है जहां पिता-पुत्र दोनों एक कमेटी में है.
दोनों ही वीरभद्र परिवार के धुर विरोधी रहे हैं. दोनों परिवारों में अक्सर 36 का आंकड़ा देखा गया है. वहीं पंडित सुखराम के परिवार की भी कमोबेश यही स्थिति है. 1998 के चुनावों में हिमाचल विकास मोर्चा गठित कर भाजपा को समर्थन दे वीरभद्र सिंह कप सत्ता से दूर किया था. इसके बाद से ही दोनों परिवारों में दूरियां बरकरार है.
हालांकि अनिल शर्मा को मंत्री बनाया गया लेकिन दिल्ली से आये निर्णय के बाद वह भी देरी से.अनिल शर्मा के पुत्र आश्रय को जिला मंडी कांग्रेस सचिव भी दबाव के बाद ही बनाया गया. हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की रैली में पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम को सम्मान न देने से यह परिवार वीरभद्र सिंह से नाराज चल रहा है.
इस चुनावी बेला में इन परिवारों की वीरभद्र सिंह से नाराजगी कांग्रेस को भारी पड़ सकती है. बताया जा रहा है बाली और पंडित सुखराम दोनों ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. बाली ने जहां शिंदे और रंजन के साथ उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की वहीं पंडित सुखराम ने भी राहुल से मिलने का समय मांग कर कांग्रेस छोड़ने की अफवाहों को और बलवती कर दिया है. दोनों ही नेता, कांग्रेस के आला नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं संभव हो कि आज कल में ये नेता कोई बड़ा फैसला ले.