नई दिल्ली. Himachal Monsoon Update: हिमाचल प्रदेश इस वक्त प्राकृतिक आपदा के गंभीर दौर से गुजर रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश ने राज्य के कई हिस्सों को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 432 सड़कें अवरुद्ध, 534 ट्रांसफॉर्मर फेल और 197 जल योजनाएं ठप हो चुकी हैं।
Floods and Landslides in Himachal: जान का दुश्मन बना बारिश का कहर
22 जुलाई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारी बारिश के चलते हुए हादसों में 76 लोगों की मौत landslides, cloudburst और flash floods के कारण हुई है, जबकि 59 लोग सड़क हादसों का शिकार बने हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में मंडी (17 मौतें), कांगड़ा (16), कुल्लू (8) और चंबा (7) शामिल हैं।
कांगड़ा में अचानक आई बाढ़, मंडी में बादल फटने और शिमला-सोलन में हुए भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। सैकड़ों घर जमींदोज हो गए हैं और कई सड़कें बह गई हैं।
Infrastructure Damage: 1.24 हजार करोड़ का नुकसान, 540 घर पूरी तरह तबाह
SDMA की रिपोर्ट बताती है कि अब तक प्रदेश को ₹1,24,734.67 लाख (₹1,247 करोड़ से अधिक) का आर्थिक नुकसान हो चुका है। लगभग 540 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं। इसके अलावा, 1,296 पशुओं और 21,500 मुर्गियों की भी मौत हुई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका पर भारी संकट खड़ा हो गया है।
20 जून से लेकर अब तक, 25 landslides, 40 flash floods और 23 cloudburst incidents रिकॉर्ड किए जा चुके हैं।
Rescue Operations: NDRF और SDRF की टीमें राहत कार्य में जुटीं
प्रशासन ने NDRF, SDRF और लोकल रेस्क्यू टीमों के सहयोग से राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। Relief camps स्थापित किए गए हैं और मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने की प्रक्रिया जारी है।
SDMA ने लोगों से मौसम चेतावनियों का पालन, landslide-prone areas से दूरी बनाए रखने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। प्रशासन की प्राथमिकता है कि जल्द से जल्द सड़कें, पुल और बिजली-पानी जैसी आवश्यक सुविधाएं बहाल की जाएं।