शिमला. कोरोना महामारी के चलते पिछले दो सालों से कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से ही चल रही है. अमर उजाला की खबर के अनुसार हिमाचल प्रदेश में पहली से पांचवीं कक्षा के 153 सरकारी स्कूलों में किसी भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया है.
सबसे ज्यादा स्कूल राजधानी शिमला में
ऐसे स्कूल सबसे ज्यादा प्रदेश की राजधानी शिमला में हैं जहां इनकी संख्या 39 है इसके बाद कांगड़ा में 30 और मंडी में ऐसे 26 स्कूल जहां किसी भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया है. वहीं प्रदेश में 2,100 स्कूल ऐसे हैं जहां केवल 10 विद्यार्थी ही शिक्षा ग्रहण कर रहे है, इसके अलावा छह से नौ बच्चों वाले 1 हजार 274 और पांच बच्चों वाले 673 स्कूल हैं.
प्राइमरी स्कूलों की संख्या करीब 10 हजार 500
प्रदेश सरकार ने जिन स्कूलों में किसी भी विद्यार्थी ने दाखिला नहीं लिया वहां नियुक्त करीब 250 शिक्षकों को अध्यापकों की कमी से जूझ रहीं पाठशालाओं में भेजा जाएगा. हिमाचल प्रदेश में इस समय प्राइमरी स्कूलों की संख्या करीब 10 हजार 500 है. पूर्व सरकारों के कार्यकाल के दौरान कई जगह एक से दो किलोमीटर की दूरी पर प्राइमरी स्कूल खोल दिए गए थे.
बढ़ते निजी स्कूल और सरकारी स्कूलों में अभिभावकों का घटता विश्वास बड़ा कारण
खबर के अनुसार एक से दो कमरे वाले इन स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बैठाया जाता है. कई स्कूलों में पीने के पानी और शौचालयों का उचित बंदोबस्त भी नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में खुले प्राइमरी स्कूलों की हालत भी बहुत दयनीय है. ऐसे में प्रदेश में निजी स्कूलों की बढ़ती संख्या और सरकारी स्कूलों में अभिभावकों के घटते विश्वास के चलते साल दर साल सरकारी पाठशालाओं में विद्यार्थियों की संख्या घट रही है.