नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक जैसे बड़े राज्य में प्रचंड जीत से उत्साहित कांग्रेस फिर से विपक्षी एकजुटता की ताल ठोंकने की स्थिति में है. कुछ समय पहले तक ”कांग्रेस रहित गठबंधन” की पैरोकारी करती रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बदला रुख इसका प्रमाण भी है.
बड़ा संदेश देने की तैयारी
कांग्रेस कर्नाटक में अपनी नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के मंच पर सभी गैर-भाजपाई दलों के प्रमुख नेताओं को न्योता भेजकर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकजुटता का बड़ा संदेश देने की तैयारी कर ली है.
कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के रूप में पार्टी के दिग्गज नेता सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री पद पर डीके शिवकुमार का नाम तय होने के साथ ही सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारियां तेज हो गई हैं. 20 मई को प्रस्तावित इस समारोह के लिए अतिथियों को न्योता भेजने की प्रक्रिया भी गुरुवार को शुरू हो गई.
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में भी हाल ही में सरकार बनाई है, लेकिन कर्नाटक में मिली बड़ी जीत के बाद पार्टी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह पर भव्य सियासी शो-केस सजाना चाहती है. यही वजह है कि हिमाचल में खास तौर पार्टी नेताओं की सहभागिता वाले समारोह के इतर यहां सभी विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है.
शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षियों का लगेगा जमावड़ा
पार्टी की ओर से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी सहित देश के सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं को न्योता भेजा गया है.