नई दिल्ली. अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट होने में लगे 17 विपक्षी दलों की पटना में चार घंटे तक चली बैठक में सभी ने केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हम अगला चुनाव मिलकर लड़ेंगे.
अब पहाड़ों में रणनीति तय करेगा विपक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष की ज्वाइंट प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि हम एक कॉमन एजेंडा तय कर रहे हैं. अब विपक्षी दल शिमला में जुलाई महीने में मिलेंगे. यह बैठक दस से 12 जुलाई तक दो दिन तक चलेगी. विपक्षी एकजुटता का संयोजक कौन होगा, इस बारे में फैसला शिमला बैठक में किया जाएगा. इसमें तय होगा कि आगे किस तरह से बढ़ना है. एकजुट होकर हमें 2024 की लड़ाई लड़नी है. उन्होंने कहा हर राज्य में अलग-अलग ढंग से गठबंधन काम करेगा. एक ही बात और मुद्दा हर राज्य में नहीं चल सकता.
खड़गे ने भी इस बात को जोर देकर कहा कि सभी नेता एक साथ आगे चुनाव लड़ेंगे. इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा सीट बंटवारे के मुद्दे पर हम त्याग करने को तैयार हैं. देश बचाने के लिए हमें कुछ सीटें छोडनी होंगी, तो वह भी किया जाएगा. विपक्षी एकता एक प्रक्रिया है, जो यहीं से आगे बढ़ेगी. विचारधारा की लड़ाई है. थोड़े-थोड़े मतभेद जरूर होंगे, लेकिन हम साथ हैं. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा और आरएसएस हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण कर रहे हैं. यह विचारधारा की लड़ाई है और हम साथ खड़े हैं.
शिमला में होगी अगली बैठक
हमने निर्णय लिया है कि हम एक साथ काम करेंगे और अपनी सामान्य विचारधारा की रक्षा करेंगे. मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शिमला में होने वाली अगली बैठक में तय होगा कि कौन कहां लड़ेगा. यह बैठक खड़गे आयोजित करेंगे. जो शासन में हैं, वे देश के हित में काम नहीं कर रहे हैं. भाजपा देश का इतिहास बदल रही है. यह देश में फिर से जीत कर आ जाते हैं, तो देश का संविधान भी बदल देंगे.
हमारी लड़ाई को विपक्ष की लड़ाई नहीं कहा जाना चाहिए: ममता
इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की चीफ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जो कुछ भी पटना से शुरू होता है, वह जन आंदोलन का रूप लेता है. अगर भाजपा दोबारा से चुनाव जीत जाती है, तो देश में चुनाव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा की तानाशाह सरकार है. राजद प्रमुख और पूर्व सीएम लालू यादव ने कहा कि बैठक में सबने खुलकर अपने विचार रखे हैं और तय हुआ है कि अगली बैठक शिमला में होगी और उसमें आगे की रणनीति तय करेंगे. एक होकर हमें लड़ना है. भाजपा के लोग हनुमानजी का नाम लेकर चुनाव लड़ते हैं, लेकिन हनुमानजी अब हमारे साथ हैं.
उन्होंने कर्नाटक में भाजपा की पीठ पर गदा मारकर उन्हें वहां से भगा दिया है. शिवसेना के अध्यक्ष और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी विचारधारा अलग है, लेकिन हमारे लिए देश एक है. इसी को लेकर हम एकजुट हुए हैं. जो भी लोग देश में तानाशाही लाना चाहते हैं, हम उसका विरोध करेंगे. जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जो भी हमारे साथ जम्मू-कश्मीर में हुआ, वही पूरे देश में हो रहा है. हम महात्मा गांधी के दिए गए आइडिया ऑफ इंडिया के साथ आगे बढ़ रहे हैं. हमारी कोशिश है कि गांधी के मुल्क को गोडसे का देश नहीं बनने दिया जाए.
बैठक में यह नेता रहे मौजूद
पटना में 17 दलों के जो 27 नेता शामिल हुए उनमें नीतीश कुमार (जदयू), ममता बनर्जी (टीएमसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद), भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राउत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जदयू), संजय झा (राजद), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल) तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) इत्यादि शामिल रहे.
आप का अल्टीमेटम, अध्यादेश पर कांग्रेस रुख साफ करे
केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता के लिए एक मंच पर आए 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के बाद आप संयोजक अरविंद केजरीवाल नाराज नजर आए और संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस से पहले ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए. दिल्ली से आप ने स्टेटमेंट जारी कर कांग्रेस को केंद्र सरकार के अध्यादेश पर अपना रुख साफ करने को कहा. आप ने कहा कि जब तक कांग्रेस अपना रुख साफ नहीं करती, तब तक आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ किसी बैठक में शामिल नहीं होगी.