मंडी (जोगिन्द्रनगर). पंचायत टाइम्स की टीम बुधवार को मंडी जिले की जोगिन्द्रनगर विधानसभा पहुंची. वहां से हमारी टीम के संवाददाता राजन पांडेय भाजपा प्रत्याशी गुलाब सिंह ठाकुर के साथ लाइव हुए.
गुलाब सिंह से बातचीत से पहले राजन जोगिन्द्रनगर सीट का अब तक का ब्यौरा देते हैं. साल 1977 से गुलाब सिंह ठाकुर जनता पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर इस सीट पर जीत दर्ज करते हैं. इसके बाद वह कांग्रेस पार्टी में भी शामिल हुए लेकिन जीत का सिलसिला बना रहा. वह आखिरी बार साल 2003 में कांग्रेस के सुरेंद्र पाल सिंह ठाकुर से हारे जबकि 2012 में उन्होने सुरेंद्र पाल को हरा कर अपनी हार का बदला पूरा कर लिया. गुलाब सिंह, भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के समधी यानी हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर के ससुर भी हैं. उनके मुताबिक सीएम फेस की घोषणा होने से उनके वोट बैंक में इजाफा होना अब तय हो गया है.
मालूम हो कि अरुण जेटली द्वारा जारी दृष्टि पत्र के बाद भाजपा हिमाचल की हर विधानसभा में दृष्टि पत्र जारी करने की मुहिम में लगी है. इससे पहले गुलाब सिंह का नाम टिकट वितरण के समय अजय जम्वाल के मुकाबले कमजोर माना जा रहा था क्योंकि अजय जम्वाल के ऊपर आरएसएस का वरदहस्त था और कयास लगाये जा रहे थे कि हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर की तरह अजय जम्वाल को भी आरएसएस से होने का फायदा मिल सकता है. इसी तरह कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी में सुक्खू गुट के जीवन लाल ठाकुर का पलड़ा सुरेंद्र पाल पर भारी पड़ा और उन्हे यहां से टिकट मिल गया. इसके अलावा हिमाचल के एक सबसे अमीर प्रत्याशी भी यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
धूमल के जमीनी नेता होने की तारीफ करते हुए गुलाब सिंह सबसे पहले हाई कमान के फैसले को सही ठहराते हैं. चौंथड़ा में आईपीएस डिवीजन और जोगिंद्रनगर में ट्रांसपोर्ट डिपो की दो मांगों को भाजपा के जोगिंदनगर घोषणा पत्र में शामिल किया गया है. इसके अलावा एफसीआई कार्यालय की मांग का जिक्र करना भी वह नहीं भूलते.
जोगिंद्रनगर में स्थित बड़े-बड़े फार्मेसी संस्थानों का जिक्र करते हुए वह आयुर्वेद का बड़े संस्थान खोलने का वादा भी करते हैं. जोगिंद्रनगर सीट पर राजनीतिक मुकाबले के बारे में पूछने पर वह जनता पर अपना भरोसा जताते हुए वीरभद्र सरकार की कमजोरियां गिनाने लगते हैं. भ्रष्टाचार के मामले में वीरभद्र सरकार पर निशाना साधने पर जब राजन सुखराम का नाम लेते हैं तो वह कहते हैं कि सुखराम नहीं बल्कि उनके लड़के चुनाव मैदान में हैं.