शिमला. हिमाचल में विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद आठ दिसंबर को मतगणना के बात जो सबसे बड़ी समस्या आने वाली है वो है पे-कमिशन एरियर के भुगतान की होगी. राज्य में सरकारी विभागों और निगम-बोर्डों के सवा चार लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को करीब 8,000 करोड़ के एरियर का भुगतान अभी बाकी है.
लोन कोटा भी समाप्त होने को
राज्य सरकार के पास इस देनदारी को चुकाने के लिए वित्तीय संसाधन अब नहीं बचे हैं. इस साल के लिए राज्य की लोन लिमिट 9,700 करोड़ थी और इसमें से 7,000 करोड़ लोन ले लिया गया है. सिर्फ 2,700 करोड़ लोन ही लिया जा सकता है और इस राशि से भी इस वित्त वर्ष में 31 मार्च तक वेतन और अन्य देय जिम्मेदारियों का भुगतान किया जाना है.
यही वजह है कि एरियर और महंगाई भत्ते को चुकाने के लिए आर्थिक संसाधन नहीं दिख रहे. राज्य के कर्मचारियों को सात फीसदी महंगाई भत्ता अभी बकाया है और 31 फीसदी डीए ही अभी दिया जा रहा है, जबकि भारत सरकार ने 38 फीसदी तक भुगतान कर दिया है.
जयराम सरकार ने 17 सितंबर, 2022 को एरियर की पहली किस्त देने के आदेश जारी किए थे, क्योंकि 15 अगस्त को इसका ऐलान मुख्यमंत्री ने सोलन के ठोडो ग्राउंड से किया था. हालांकि पहली किस्त में 50 हजार से 60 हजार रुपए की सीलिंग लगाई गई. इससे करीब 1,500 करोड़ का एरियर पे-कमीशन, पेंशन और डीसीआरजी में निकला है.
पे-कमीशन को लागू करते वक्त वित्त विभाग की अपनी गणना थी कि 11,000 करोड़ के आसपास एरियर का भुगतान बाकी है. यह स्थिति भी तब थी, जब राज्य सरकार 21 फीसदी अंतरिम राहत के नाम पर 5,500 करोड़ का भुगतान पहले कर्मचारियों को कर चुकी थी.
राज्य का वित्त विभाग आजकल असमंजस में है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि पहले से लंबित भुगतान एक तरफ है और दूसरी तरफ राजनीतिक दलों ने लोगों से फ्री देने के वादे चुनाव घोषणा पत्रों में बहुत कर दिए हैं. चुनाव के दौरान भी राज्य का कोषागार ओवरड्राफ्ट में था और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए 2,000 करोड़ लोन लेना पड़ा था, इसलिए आगे आने वाला समय मुश्किलों भरा दिख रहा है.
घोषणा पत्र में एरियर को भूल गए सभी दल
राज्य के सरकारी कर्मचारी चाहते थे कि दोनों प्रमुख दल चुनाव घोषणा पत्रों में यह ऐलान करें कि लंबित एरियर का भुगतान राजनीतिक दल कब तक करेंगे. दरअसल बहुत से कर्मचारी-अधिकारी वर्ग ऐसे हैं, जिनका एरियर ही 10 लाख तक का है. ऐसे कर्मचारियों को भी पहली किस्त में सिर्फ 50 हजार मिले हैं. इस हिसाब से गणना करें, तो 10 लाख का भुगतान कितनी किस्तों में होगा, यह अपने आप में बड़ा सवाल है. इसके बावजूद किसी भी दल ने एरियर के भुगतान को लेकर चुनाव घोषणापत्र में कुछ भी नहीं कहा है.
हिमाचल CM की अनाउंसमेंट से कर्मचारी मायूस
हिमाचल के कर्मचारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की घोषणाओं से नाखुश है। राज्य सरकार के कर्मचारी एक जनवरी 2016 से लंबित पड़े नए वेतनमान के एरियर का एकमुश्त या फिर कम से कम 50 फीसदी पहली किश्त में देने की मांग कर रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने पहली किश्त में 10,00 करोड़ रुपए के लाभ ही कर्मचारियों को देने की घोषणा की है।
इससे कर्मचारियों को पहली किश्त में मुश्किल से 25 फीसदी एरियर ही मिल पाएगा। यह भी साफ नहीं किया कि छह साल से लंबित पड़ा एरियर कितनी किश्तों में दिया जाएगा?