शिमला ग्रामीण (शिमला). चार साल पहले मर चुके एक कर्मचारी के नाम पर एक व्यक्ति लाखों रुपये पेंशन के डकार गया. यह पेंशन के लिए हर बार फर्जीवाड़ा करता रहा. कर्मचारी के जिंदा होने का प्रमाण देकर यह चार लाख से अधिक की पेंशन खा चुका था.
यह मामला शिमला शहर का है यहां एक शख्स 4 लाख 76 हजार 418 रुपयों की चपत लगाने के बाद आखिरकार पकड़ा गया. पुलिस के अनुसार मृत व्यक्ति जग्गननाथ राजभवन में कर्मचारी थे. अप्रैल 2014 में उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद यह व्यक्ति खुद को जग्गननाथ बताकर अपने जिंदा होने का प्रमाण पत्र देता रहा और पेंशन खाता रहा. पेंशन के लिए यह दो साल से पटवारी से जीवन प्रमाण पत्र का सत्यापन करवा रहा था. तीसरी बार जब शातिर पेंशन के लिए जिला कोषागार पहुंचा तो यह पकड़ा गया.
ऐसे हुआ भंडाफोड़
जिला कोषाधिकारी जगदीश शर्मा ने कहा कि शुक्रवार को एक शख्स कार्यालय आया. कहा कि मैं जग्गन नाथ हूं और मेरे जीवन प्रमाण पत्र का सत्यापन करें. उसकी बात सुनकर शक हुआ. बाद में उससे उसका आधार कार्ड और पैन कार्ड मांगा. व्यक्ति ने कहा कि मैं अभी लाकर देता हूं. जैसे ही शातिर कागजात लेने कार्यालय से बाहर गया शर्मा ने जग्गननाथ की पेंशन की फाइल निकाली. इसमें किसी और की फोटो लगी थी. राजभवन फोन किया तो पता चला कि यहां जग्गननाथ कार्यरत थे.
पूछताछ में पता चला कि इनकी मौत 20 अप्रैल 2014 को हो चुकी है. वहीं, कागजात लेने गया शातिर वापस नहीं आया. इस पर पुलिस थाना में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई. पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है.