परागपुर(कांगड़ा). विकास खंड परागपुर के तहत पड़ने वाले गांव बढ़ल ठोर, कनोल, दोदरा, बरवाड़ा, बस्सी के लोगों ने सरकार की ओर से 10 से कम ओपीडी के आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्रों को बंद करने के खिलाफ रोष प्रकट किया है.
स्थानीय जनता ने अधिसूचना क्रम संख्या 1440 -1514 दिनाँक 29 जनवरी 2018 के संदर्भ में सरकार से अनुरोध किया है कि जहां तक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र में 10 से कम ओपीडी की संख्या का प्रश्न है तो इस औषधालय में दिनांक 31 मार्च 2015 से लेकर आज दिनाँक तक कोई भी डॉक्टर तथा कंपाउंडर (फार्मासिस्ट) नहीं है. दुःख तो इस बात का है कि दिनांक 31 जनवरी 2016 के बाद यहां कोई चपरासी भी नहीं है, तो बिना स्टाफ के ओपीडी कैसे हो सकती है.
स्टाफ की नियुक्ति की जाए
प्रेस को जारी किये सयुंक्त बयान में गांव बढ़ल ठोर के निवासियों संपत कुमार उपाध्यक्ष भाजपा मण्डल देहरा ,पवन कुमार, सत्यपाल सिंह खानोड, सुरिंदर सिंह, पण्डित सुभाष शर्मा, संजीव शर्मा, शिंदी पटियाल, रोहिल शर्मा, सुशील राणा, कुशल पठानिया, रमेश शर्मा, शेखू, अजय, सोनू, रामनाथ शर्मा, ललिता देवी, अंजु डडवाल , सुषमा, बाल कृष्ण इत्यादि ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जनता की मांग को मद्देनजर रखते हुए इस आयुर्वेदिक स्वास्थ्य औषधालय से किसी प्रकार की छेड़छाड़ किये बगैर यहां तुरंत स्थाई डॉक्टर, फार्मासिस्ट व अन्य स्टाफ की नियुक्ति की जाए.
तो यह मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा
पिछले लगभग दो वर्षों से इस औषधालय में मात्र प्रशिक्षित प्रसूता महिला कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रही है. वहीं जब इस बारे में विधायक देहरा होशियार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बड़ी हैरानी से कहा कि बिना डॉक्टर ,फार्मासिस्ट के ओपीडी कैसे होगी यह सरकार ही बताए. अगर सरकार की ओर से जल्द से जल्द तैनाती नहीं की तो यह मुद्दा विधानसभा में उठाया जायेगा.
सरकार से की है मांग
वहीं जब इस विषय पर फोन की ओर से जिला आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकरी काँगड़ा स्थित धर्मशाला डॉ सुनीत पठानिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि खाली चल रहे डॉक्टर और फार्मासिस्ट के पदों को भरने बारे सरकार से मांग की है. दस से कम ओपीडी वाली अधिसूचना पर बिना कुछ कहे सरकार की ओर से मांगी रिपोर्ट कह कर किनारा कर लिया.