शिमला. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण की बात हो, इन संस्थानों में अधोसंरचना उपलब्ध करवाने की बात हो या फिर दवाईयों के उत्पादन की बात हो, किसी भी स्तर पर कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कि शिकायतों से निपटने को लेकर सरकार संवेदनशील है, और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को लेकर शून्य सहिष्णुता के मानदण्डों को अपना रही है.
1065 दवाओं के नमूने में 33 फेल
सैंपल फेल होने पर मंत्री ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए दोषी दवा निर्माताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाइ करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समय-समय पर विभिन्न दवाईयों की गुणवत्ता जांचने के लिये सैंपलिंग करवाती है और इसके दृष्टिगत पिछले कुछ महीनों के दौरान राज्य में कुल 1065 दवाओं के नमूने लिए गए जिनमें से 33 फेल हुए हैं. मंत्री ने दवाओं के सैंपल फेल होने पर चिंता जाहिर करते हुए ऐसी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही है.
उत्पादकों को पहले ही नोटिस जारी
परमार ने कहा कि लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती है. राजनीतिक संरक्षण में निर्माण कर रही इन कंपनियों की मनमानी अब कतई नहीं चलेगी. उन्होंने दोषी कंपनियों के विरूद्व कड़ी कार्रवाइ करने को कहा है. हालांकि जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनके उत्पादकों को पहले ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं और ऐसी दवाओं को बाजार से तुरंत हटाने को कहा गया है. विभाग लगातार एसी दवाओं पर नजर रखें हैं और किसी भी स्तर पर कोताही करने पर बख्शा नहीं जाएगा.
मैडिपोल, अल्ट्रा, एफाईन, अल्ट्राटैक, पार्क, स्पैन, एडमिन, एचएल हैल्थ की दवाओं के सैंपल फेल
दवा कंपनी मैडिपोल, अल्ट्रा, एफाईन, अल्ट्राटैक, पार्क, स्पैन, एडमिन, एचएल हैल्थ की कुछ दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. इन कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं. मंत्री ने कहा कि ऐसी दवा कंपनियों पर कड़ी नजर रखी जाए और कोई भी कंपनी यदि नियमों का उल्लंघन करती है, अथवा अवमानक दवाई का निर्माण करती है, तो ऐसी कंपनी का लाईसेंस तक रदद किया जा सकता है.
स्वास्थ्य मंत्री ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को अवमानक दवाओं की आमद अथवा बाजार में उपलब्धता पर हर वक्त निगरानी रखने व दवाओं को तुरंत बाजार से हटवाने तथा दोषियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.