नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को India-Japan Joint Economic Forum को संबोधित करते हुए भारत और जापान के बीच गहन रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी पर जोर दिया। इस अवसर पर मोदी ने भारत की तेज़ आर्थिक वृद्धि, जापानी निवेशों की भूमिका और भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने के संभावित भविष्य पर प्रकाश डाला।
“भारत में पूंजी बढ़ती ही नहीं, बल्कि गुणा होती है”
अपनी शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत में capital सिर्फ grow नहीं करता, बल्कि multiply करता है,” जिससे देश की dynamic investment climate को उजागर किया। उन्होंने बताया कि जापानी कंपनियों ने भारत में 40 बिलियन डॉलर से अधिक निवेश किया है, जिसमें पिछले दो वर्षों में 13 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ, जो भारत की विकास यात्रा में मजबूत विश्वास को दर्शाता है।
भारत: राजनीतिक और आर्थिक महाशक्ति
प्रधानमंत्री ने भारत के स्थिर राजनीतिक वातावरण और पारदर्शी नीति ढांचे का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत enjoys political और economic stability. हमारी policies में transparency है। उन्होंने भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बताया और कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में है।
Reform, Perform और Transform: विकास के इंजन
मोदी ने भारत की प्रगति का श्रेय reforms को दिया और कहा, “भारत में इस परिवर्तन के पीछे हमारी approach है – reform, perform और transform।” उन्होंने घोषणा की कि रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्रों के बाद अब nuclear energy sector को भी private sector के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है।
भारत-जापान आर्थिक संबंधों को मजबूती
प्रधानमंत्री मोदी ने जापान को भारत की विकास यात्रा में एक अहम partner बताया। उन्होंने कहा, “Metro rail से लेकर manufacturing, semiconductors से startups तक, जापान हमेशा एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है।” मोदी ने यह भी साझा किया कि उनके व्यक्तिगत संबंध कई Japanese business leaders के साथ उनके गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए बने।
Global Investors के लिए आह्वान: ‘Come Make in India, Make for the World’
जापानी बिजनेस कम्युनिटी को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आइए India में बनाएं, World के लिए बनाएं।” उन्होंने कंपनियों से आग्रह किया कि वे भारत की transparent governance और strong policy environment का लाभ उठाकर manufacturing और innovation को वैश्विक स्तर पर बढ़ाएं।
भारत-जापान साझेदारी: Asian Century की दिशा
अपने संबोधन को समाप्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “India-Japan will together shape ASEAN, Asian Century।” इस साझा दृष्टि का उद्देश्य एशिया में सतत regional growth, prosperity और stability को बढ़ावा देना है।
आगामी India-Japan Annual Summit और द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री के दो दिवसीय दौरे में 15th India-Japan Annual Summit में भागीदारी और जापानी प्रधानमंत्री Shigeru Ishiba के साथ उच्च स्तरीय चर्चाएँ शामिल हैं। जापान से भारत में निवेश लक्ष्यों को दोगुना करने और व्यापार, रक्षा, विज्ञान और तकनीक में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद है।
Geopolitical shifts में रणनीतिक सहयोग
वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक परिवर्तनों के बीच, मोदी की जापानी नेताओं के साथ वार्ता का उद्देश्य रणनीतिक सहयोग को गहरा करना और भारत-जापान साझेदारी को एशिया के भविष्य के निर्माण में मजबूत करना है।