नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 20 सितंबर को गुजरात के भावनगर में आयोजित ‘समुद्र से समृद्धि’ पहल के शुभारंभ के अवसर पर जनता को संबोधित किया। यह पहल भारत की समुद्री विकास के माध्यम से आर्थिक समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मोदी ने कहा कि बंदरगाह भारत की वैश्विक समुद्री शक्ति के रूप में स्थिति की रीढ़ हैं। उन्होंने बताया कि भले ही यह कार्यक्रम भावनगर में आयोजित हुआ, लेकिन यह पूरे देश के लिए समुद्री विकास के माध्यम से समृद्धि की दृष्टि को दर्शाता है।
आत्मनिर्भर बनने का जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने भावनगर में आयोजित जनसभा में कहा कि भारत के पास आत्मनिर्भर बनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा, “चाहे वह चिप्स हों या जहाज, हमें इन्हें भारत में ही निर्माण करना होगा।” उन्होंने भारतीय बंदरगाहों के लिए आगामी सुधारों की घोषणा की, जिनमें ‘वन नेशन, वन डॉक्यूमेंट’ और ‘वन नेशन, वन पोर्ट प्रोसेस’ जैसी पहल शामिल हैं। इन कदमों का उद्देश्य व्यापार को सरल और अधिक कुशल बनाना है। ये पहल भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पूरे देश में व्यवसाय करने की आसानी बढ़ाने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।
त्योहार और आर्थिक उत्साह का संगम
नवरात्रि के उत्सव और जीएसटी में संभावित कटौतियों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को समुद्री क्षेत्र में भारत की प्रगति का जश्न बताया।
विदेशी निर्भरता कम करने का आह्वान
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत के लिए आत्मनिर्भर बनना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा शत्रु विदेशी निर्भरता है। मोदी ने कांग्रेस की पिछली नीतियों का जिक्र करते हुए बताया कि लाइसेंस राज, वैश्विक बाजारों से अलगाव और भ्रष्टाचार ने भारत की आर्थिक संभावनाओं को रोका और युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को प्रभावित किया। उनका संदेश था कि विदेशी निर्भरता को कम करने, राष्ट्रीय आत्म-सम्मान की रक्षा करने और 1.4 अरब भारतीयों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एकजुट होकर निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है।
34,200 करोड़ रुपये से अधिक के बुनियादी ढांचा और विकास प्रोजेक्ट्स
‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न परिवर्तनकारी परियोजनाओं का उद्घाटन और नींव रखी, जिनमें समुद्री बुनियादी ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, शहरी परिवहन और सड़क संपर्क शामिल हैं। इन परियोजनाओं में राष्ट्रीय स्तर पर 34,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया, जिसमें अकेले गुजरात में 26,354 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है।
मुख्य परियोजनाएं
मुंबई इंटरनेशनल क्रूज टर्मिनल, इंदिरा डॉक
कोलकाता के श्याम प्रसाद मुखर्जी पोर्ट में कंटेनर टर्मिनल
पारादीप (ओडिशा) और तूना टेकड़ा (गुजरात) में मल्टी-कार्गो टर्मिनल
चेन्नई पोर्ट और कार निकोबार द्वीप में तटीय सुरक्षा कार्य
भावनगर और जामनगर में अस्पतालों का विस्तार
गुजरात में राष्ट्रीय राजमार्गों की 70 किमी चौड़ीकरण
विधायी और नीतिगत सुधार
कार्यक्रम में कोस्टल शिपिंग एक्ट 2025 और इंडियन पोर्ट्स एक्ट 2025 जैसी प्रमुख विधायी सुधारों की घोषणा भी की गई। इसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल बनाना और समुद्री व्यापार और बुनियादी ढांचे में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।
वैश्विक दृष्टिकोण और निवेश
‘समुद्र से समृद्धि’ पहल भारत समुद्री सप्ताह 2025 की पूर्वरुपरेखा है, जो निवेश के अवसर और भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था और वैश्विक शिपिंग में भूमिका को मजबूत करने का रोडमैप पेश करती है। प्रधानमंत्री मोदी ने धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण भी किया, जो सतत औद्योगिकीकरण और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।
प्रधानमंत्री मोदी का भावनगर संबोधन भारत को आत्मनिर्भर समुद्री शक्ति के रूप में उभरने की एक साहसिक दृष्टि प्रस्तुत करता है। यह पहल भारत की समुद्री क्षमता को आगे बढ़ाने के साथ-साथ पूरे देश में सामाजिक और आर्थिक लाभ सुनिश्चित करने का अवसर भी प्रदान करती है। भारत को समुद्री मार्गों के माध्यम से दुनिया से जोड़ने का यह प्रयास राष्ट्रीय मजबूती और विकास का संदेश भी लेकर आता है।
