नई दिल्ली. PM Modi in Brazil प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर Brazil पहुंच चुके हैं, जहां वे 17वें BRICS Summit में हिस्सा लेंगे और उसके बाद एक State Visit भी करेंगे। यह यात्रा उनके पांच देशों के अंतरराष्ट्रीय दौरे का चौथा चरण है। शनिवार शाम (स्थानीय समयानुसार), PM Modi ने Rio de Janeiro के Galeão International Airport पर लैंड किया। एयरपोर्ट पर उनका पारंपरिक और गर्मजोशी भरा स्वागत किया गया, जहां प्रवासी भारतीयों ने cultural performances, नृत्य और गीतों से उनका अभिनंदन किया।
मोदी रियो पहुंचे: प्रवासी भारतीयों ने किया भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री के आगमन पर Indian community के सदस्यों ने “भारत माता की जय” के नारों के साथ उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने वहां उपस्थित लोगों से संक्षिप्त बातचीत भी की। पारंपरिक परिधानों में रंग-बिरंगे कार्यक्रमों ने वातावरण को जीवंत कर दिया।
Modi’s Message: X पोस्ट के जरिए साझा की झलक
PM Modi ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (formerly Twitter) पर तस्वीरें साझा करते हुए लिखा ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में पहुंचा हूं, जहां मैं BRICS Summit 2025 में भाग लूंगा। इसके बाद मैं राष्ट्रपति Luiz Inácio Lula da Silva के निमंत्रण पर ब्रासीलिया में राजकीय यात्रा करूंगा। इस दौरान मैं कई प्रभावशाली बैठकों और सार्थक संवाद की अपेक्षा कर रहा हूं।
BRICS 2025 Summit: भारत का क्या एजेंडा है?
6-7 जुलाई को आयोजित होने वाले 17th BRICS Leaders’ Summit के दौरान प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक स्तर पर अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इनमें शामिल हैं:
वैश्विक शांति और सुरक्षा,बहुपक्षवाद को मजबूत करना,कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का जिम्मेदाराना उपयोग,जलवायु कार्रवाई, वैश्विक स्वास्थ्य और वित्तीय और आर्थिक सहयोग। इसके साथ ही, शिखर सम्मेलन के इतर वे bilateral meetings भी कर सकते हैं, जिनमें व्यापार, रक्षा और टेक्नोलॉजी से जुड़े कई समझौतों पर चर्चा संभव है।
ब्रासीलिया की राजकीय यात्रा: राष्ट्रपति लूला के साथ रणनीतिक वार्ता
ब्रिक्स समिट के बाद PM मोदी ब्राजील की राजधानी Brasília जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति Lula da Silva के साथ high-level bilateral talks करेंगे। इन चर्चाओं में खासतौर पर निम्न क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा.इस द्विपक्षीय संवाद का उद्देश्य भारत और ब्राजील के बीच Strategic Partnership को और अधिक गहराई देना है। जैसे व्यापार और निवेश रक्षा सहयोग, ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और उपग्रह सहयोग. कृषि और स्वास्थ्य सेवा और लोगों के बीच आदान-प्रदान देना है।