नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को फिर से पहलगाम नरसंहार के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की कसम खाई। उन्होंने कहा कि भारत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए जघन्य हमले में शामिल आतंकवादियों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। यह टिप्पणी दिल्ली में अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंको के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का मानना है कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
मोदी ने अंगोला की सरहाना की
हम आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में अंगोला के समर्थन के लिए उनका शुक्रिया अदा करते हैं। भारत और अंगोला के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और अंगोला अपनी कूटनीतिक साझेदारी की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हालांकि, हमारे संबंध बहुत पुराने हैं। जब अंगोला अपनी आजादी के लिए लड़ रहा था, तब भारत विश्वास और मित्रता के साथ उसके साथ खड़ा था।” भारत-अंगोला संबंधों पर पीएम मोदी पिछले 10 वर्षों में भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग में तेजी लाई है। व्यापार लगभग 100 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया है। उन्होंने कहा कि हमने रक्षा सहयोग और समुद्री सुरक्षा में सुधार किया है।
10 वर्षों में, हमने अफ्रीका में 17 नए दूतावास खोले
उन्होंने कहा कि पिछले महीने भारत और अफ्रीका ने अपना पहला नौसैनिक समुद्री अभ्यास किया। पिछले 10 वर्षों में, हमने अफ्रीका में 17 नए दूतावास खोले हैं। अफ्रीका के लिए 12 बिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन खोली गई है। अफ्रीकी देशों को 700 मिलियन डॉलर का अनुदान भी दिया गया है। हमने अफ्रीका के 8 देशों में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र खोले हैं। हम पाँच देशों में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के निर्माण में सहायता कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी पुष्टि की कि भारत और अफ्रीकी संघ प्रगति में भागीदार हैं और वैश्विक दक्षिण के स्तंभ हैं और “अंगोला की अध्यक्षता” के तहत, भारत और अफ्रीकी संघ की साझेदारी की ताकत और मजबूत होगी।