कांगड़ा. हिमाचल में चुनावी मूड भांपने पहुंची पंचायत टाइम्स की टीम कांगड़ा के धर्मशाला के भाजपा प्रत्याशी से बात-चीत के बाद कांगड़ा विधानसभा की जलाड़ी पंचायत पहुंची. यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के डा. राजेश शर्मा साथ हमारी टीम के संवाददाता राजन पांडेय लाइव हुए.
कांगड़ा सीट
कांगड़ा सीट के राजनीतिक अतीत के बारे में राजन बताते हैं कि यह सीट अप्रत्याशित परिणाम देने के लिये जानी जाती है. 2007 के चुनाव में यहां से बसपा प्रत्याशी संजय चौधरी जीते थे. यह उस दौर की बात है जब यूपी में बसपा पूर्ण बहुमत से जीती थी. यहां की शाहपुर सीट से भाजपा के मेजर मनकोटिया बसपा में प्रदेश अध्यक्ष बन कर शामिल हो गये थे. इसके बाद यहां से संजय चौधरी बसपा का जनाधार न होने के बावजूद अप्रत्याशित तरीके से जीत गये. फिर जैसा कि अमूमन होता है, संजय यहां सत्तारूढ़ भाजपा में चले गये.
2012 के चुनाव में भी यहां से निर्दलीय उम्मीदवार पवन काजल जीते और कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशी देखते रह गये. कांग्रेस के सुरेंद्र चौधरी दूसरे स्थान पर जबकि भाजपा में शामिल हुए संजय चौधरी तीसरे स्थान पर रहे थे. मुकाबला लगभग सभी प्रत्याशियों के लिये बराबरी का ही रहा था. चौथे स्थान पर डा. राजेश शर्मा रहे थे.
हिमाचल विधानसभा के पिछले चुनाव में लगभग 36 सीटें कांग्रेस को मिली थीं जबकि 26 सीटों के साथ भाजपा दूसरे स्थान पर थी. 6 निर्दलीय प्रत्याशी जीते थे जिनमें से 2 कांगड़ा से थे. इस बार पवन काजल कांग्रेस से लड़ रहे हैं जबकि संजय चौधरी एक बार भाजपा से और राजेश शर्मा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. जो हमारे संवाददाता राजन पांडेय के साथ लाइव हुए.
दोबारा चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरने के बारे में वह कहते हैं कि कोशिश करने से ही बदलाव होते हैं, इस बार जनता मेरे साथ है. पवन काजल कांग्रेस की ओर से लड़ रहे हैं इस बाबत पूछने पर वह कहते हैं कि पवन काजल ने सिर्फ अपना विकास किया है. वह आरएसएस के आदमी है और सही मायने में हम कांग्रेस के आदमी हैं. इसके बावजूद टिकट आपको नहीं मिला इस पर वह कहते हैं कि आजकल ठेकेदार लोगों का जमाना है वह स्वार्थ सेवा के लिये मैदान में हैं जबकि हम समाज सेवा के लिये चुनाव लड़ रहे हैं.
रोजगार की व्यवस्था होगी प्राथमिकता
क्षेत्र में कई निजी अस्पताल हैं लेकिन ट्रामा सेंटर की मांग लंबे समय से होने के बावजूद पूरी नहीं हो रही. इस पर वह कहते हैं कि इसमें डॉक्टरों की दिक्कत मुख्य समस्या है. टांडा में ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग लंबे समय से बनी है लेकिन डॉक्टर न होने की वजह से दिक्कत बनी है. मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता बेरोजगार युवाओं के लिये उद्योग लगाना होगी जिससे उन्हे घर-बैठे रोजगार मिल सके. बतौर निर्दलीय विधायक आप विकास कार्य कैसे करेंगे इस बाबत वह कहते हैं कि जो तेज-तर्रार होते हैं वह अपना हक छीन कर लेते हैं हम भी अपना हक छीन कर लेंगे.