शिमला. हिमाचल प्रदेश में भाजपा उम्मीद के अनुरूप ही पूर्ण बहुमत तक पहुंच गई है. हर ओर खुशियां है लेकिन बिना चाशनी की जलेबी की तरह. क्योंकि दूल्हा ही जंग हार गया, बाराती चाहे जीतते रहें.
कुछ ऐसा ही इस बार हिमाचल प्रदेश के इन चुनावों में देखने को मिला. यहां बड़े-बड़े दिग्गज हार गए तो मुख्यमंत्री के लिए लाले पड़ गए. प्रेम कुमार धूमल की हार की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई. हार किन कारणों से हुई यह मायने नहीं रखता क्योंकि हार तो हार ही है.
मकर राशि और ‘क्लीन शेव’ का चक्कर
अब भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा इस पर मंथन शुरू हो चुका है. मुख्यमंत्री कोई भी बने लेकिन होगा वह मकर राशि वाला ‘क्लीन शेव’ ही होगा. दरअसल, हिमाचल प्रदेश का इतिहास बताता है कि यह अब तक जो भी 5 मुख्यमंत्री बने, वह सब ‘क्लीन शेव’ यानी बिना मूंछ के ही थे. याद करें हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार, ठाकुर रामलाल, शांता कुमार, वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल, यह सभी बिना मूछों वाले हैं.
अब सभी भाजपा के ऐसे नेताओं की तलाश कर रहे हैं जो बिना मूंछ के रहते हैं.
इनमें जेपी नड्डा हो या जयराम ठाकुर दोनों ही मूंछे नहीं रखते. यही नही मुख्यमंत्री पद की इच्छा पाले कई भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी मूंछे भी मुंड़वा ली थी. अब सभी को इंतजार है कि परम्परा का निर्वहन करते हुए क्या भाजपा हाईकमान इस बार भी बिना मूंछ वाले नेता को मुख्यमंत्री बनाएगी या फिर इस बार परंपरा तोड़ी जाएगी.
वहीं, जानकारों का कहना है कि इस बार ज्योतिष गणना के अनुसार मकर राशि वाला मुख्यमंत्री बनेगा. खासकर ‘ज’ से शुरू होने वाले नाम के नेता के सितारे खासे बुलंद हैं. ग्रहों की चाल के मुताबिक ज नाम वाले नेता चुनाव से पहले से ही सुर्खियां बटोर रहे हैं. नाम की बात करें तो पहला नाम जगत प्रकाश नड्डा का ही है. बीते वर्ष से ही जगत प्रकाश नड्डा का नाम मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे है. चुनाव के मध्य राजनीतिक चाल में धूमल का नाम घोषित करना पड़ा. लेकिन अब जब धूमल हार गए हैं तो जगत प्रकाश नड्डा का नाम एक बार फिर सबसे आगे है जबकि जय राम ठाकुर का नाम भी पहले से सुर्खियां बटोर रहा है. धूमल के हारने के कयासों के बीच ही सबसे पहले जय राम ठाकुर का नाम सामने आया और हाईकमान से भी उन्हें फोन आ गया.
अब सारा दारोमदार भाजपा हाईकमान पर है कि ग्रहों कि इस चाल में मकर राशि वाले को मुख्यमंत्री घोषित करते हैं या फिर ग्रहों की चाल बदलकर किसी और ग्रह में चली जाएगी.